Book Title: Tattvartha Sutra Author(s): Akhileshmuni Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra View full book textPage 5
________________ ( ४ ) तैयार करके हमें दिया । मुनिश्री के परिश्रम के प्रति हम आभारी हैं । इस तात्विक ग्रन्थ की लोकप्रियता का यह प्रमाण है कि यह इसका पञ्चम संस्करण प्रकाशित हो रहा है। आशा है, स्वाध्यायप्रेमी पाठक इस पुस्तक के प्रस्तुत संस्करण से लाभ उठाएँगे। सन्मति ज्ञानपीठ का यह प्रयत्न ज्ञानवृद्धि में सहयोगी बन सकेगा। इसी भावना से यह प्रकाशन किया जा रहा है। मंत्री सन्मति ज्ञानपीठ, आगरा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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