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200...तप साधना विधि का प्रासंगिक अनुशीलन आगमों से अब तक कार्तिक मास के व्रत ____ 1. करवा चौथ - यह व्रत कार्तिक कृष्णा चतुर्थी के दिन अखण्ड सौभाग्य की प्राप्ति हेतु विवाहित स्त्रियों द्वारा किया जाता है। इस दिन स्त्रियाँ दिन भर के व्रत के बाद यह प्रण लेती हैं कि वे मन, वचन एवं कर्म से पति के प्रति पूर्ण समर्पित रहेंगी तथा चन्द्रमा को अर्घ्य अर्पित कर व्रत पूर्ण करती हैं।
2. गोवत्स द्वादशी - कार्तिक कृष्णा द्वादशी के दिन एकभुक्त के व्रत पूर्वक गोमाता का पूजन किया जाता है।
3. अक्षय नवमी - कार्तिक शुक्ला नवमी अक्षय नवमी कहलाती है। इस दिन पूजन, तर्पण व अन्न आदि के दान से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।
4. वैकुण्ठ चतुर्दशी - कार्तिक शुक्ला चतुर्दशी के इस दिन में व्रत रखते हुए भगवान विष्णु एवं भगवान शिव की पूजा की जाती है।
इन व्रतों के अतिरिक्त इस महीने में नरक चतुर्दशी, रूप चतुर्दशी, सूर्य षष्ठी, आँवला नवमी, देवोत्थान एकादशी, भीष्म पंचक, वैकुण्ठ चतुर्दशी, रम्भा एकादशी आदि व्रत भी किये जाते हैं। मार्गशीर्ष मास के व्रत
1. काल भैरवाष्टमी - भगवान शिव के दो रूप हैं। इस दिन उपवास करके काल भैरव के समीप जागरण करते हैं। इससे मनुष्य सर्व पापों से मुक्त हो जाता है।
2. गीता जयन्ती - मार्गशीर्ष शुक्ला एकादशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को निमित्त बनाकर गीता का उपदेश दिया था, अत: इस महीने में उत्पन्ना एकादशी, मोक्षदा एकादशी, मार्गशीर्ष पूर्णिमा आदि व्रत भी प्रचलित हैं। पौष मास के व्रत
1. सफला एकादशी - पौष कृष्णा ग्यारस सफला एकादशी कहलाती है। इस दिन उपवास व्रत करते हैं।
2. सुरूपा द्वादशी - पौष कृष्णा बारस के दिन पुष्य नक्षत्र का योग हो तो विशेष फलदायी होता है। इस दिन व्रत करने से सुख, सन्तान, सौन्दर्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
___ 3. पुत्रदा एकादशी - पौष शुक्ला एकादशी के दिन उपवास करने से सुलक्षण पुत्र की प्राप्ति होती है। इसी भाँति आरोग्य व्रत, मार्तण्ड सप्तमी, पौष पूर्णिमा स्नान आदि व्रत किये जाते हैं।