Book Title: Tap Sadhna Vidhi Ka Prasangik Anushilan Agamo se Ab Tak
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 270
________________ 204...तप साधना विधि का प्रासंगिक अनुशीलन आगमों से अब तक त्याग की भावना से युक्त होकर राजमहल से निकल पड़े थे और दूसरा यह कि उन्होंने आज ही के दिन सारनाथ में अपने शिष्य कौण्डिन्य तथा ज्ञान प्राप्ति के पूर्व बोध गया में साथ रह चुके चार अन्य को चार आर्य सत्यों का उपदेश प्रदान किया। यह उत्सव अत्यन्त सादगी के साथ मनाया जाता है। सारनाथ स्थित 'धम्मेक स्तूप' जहाँ गौतम बुद्ध ने उपदेश दिया था, वहाँ पर पूजा की जाती है और दीपक तथा मोमबत्तियाँ जलायी जाती हैं। इस वर्णन से ज्ञात होता है कि बौद्ध धर्म में धार्मिक व्रत एवं उत्सव को तप के समकक्ष माना गया है। यद्यपि इस परम्परा में जैन धर्म की भाँति उपवास, आयम्बिल, एकासन आदि रूप तप का प्रचलन नहीं है। यहाँ तपोनुष्ठान के रूप में प्रार्थना, दीपक मोमबत्ती प्रज्वलन, पूजन, ध्यान, वस्त्रदान आदि सुकृत कर्म किये जाते हैं। दूसरा तथ्य यह है कि जैसे अर्हत् धर्म में तीर्थङ्करों के जन्म, दीक्षा, केवलज्ञान, निर्वाण आदि पाँच को कल्याणक स्वरूप माना गया है और उन दिनों तीर्थङ्करकृत तप के अनुसार तप करने की भी परम्परा है वैसे ही बौद्धपरम्परा में भी बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति, प्रथम उपदेश एवं निर्वाण दिन को पवित्र दिवस के रूप में स्वीकार किया गया है तथा उन दिनों विशेष उत्सव मनाते हैं और पूजन आदि धार्मिक कृत्य सम्पन्न करते हैं। . इस प्रकार जैन और बौद्ध धर्म की व्रत-प्रक्रिया में किञ्चित साम्य है। मसीही (ईसाई) धर्म के पर्वोत्सव ___हिन्दू और मुस्लिम भाईयों की तरह मसीही भी अपने पर्वो को बड़े ही उल्लास से मनाते हैं। ये लोग प्रत्येक रविवार को गिरजाघर में सामूहिक आराधना करते हैं जिसमें बाइबिल का पाठ, भजन एवं प्रार्थनाएँ की जाती हैं और धर्माचार्यों द्वारा बाइबिल की शिक्षा पर प्रवचन होता है। तदनन्तर आशीर्वचनों से आराधना समाप्त होती है। पर्यों में विशेष रूप से ख्रीस्तजयन्ती (बड़ा दिन), खजूर का इतवार, शुभ शुक्रवार और ईस्टर को प्रोटेस्टेण्ट और कैथोलिक दोनों लोग बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। यहाँ संक्षेप में इनका परिचय दिया जा रहा है 1. ख्रीस्तजयन्ती या बड़ा दिन - यह पर्व 25 दिसम्बर से 31 दिसम्बर तक मनाया जाता है, जो 24 दिसम्बर की मध्य रात्रि से ही आरम्भ हो जाता है।

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