Book Title: Tap Sadhna Vidhi Ka Prasangik Anushilan Agamo se Ab Tak
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 316
________________ सज्जन चिंतन रश्मियाँ तप का शास्त्रीय स्वरूप एवं तात्त्विक परिभाषाएं? * तप करने का अधिकारी कौन? * बाह्य तप श्रेष्ठ या आभ्यन्तर तप? तप अंतराय कर्म का उदय है या उदीरणा? सभी तीर्थकरों के शासनकाल में तप साधना का महत्त्व क्यों? * आधुनिक परिप्रेक्ष्य में तप साधना के उद्देश्य कितने मौलिक? * वर्तमान युग में हो रहे तप आयोजन कितने सार्थक एवं कितने निरर्थक? तपोयोग से कैसे होता है इन्द्रिय नियंत्रण एवं पापों का विसर्जन? * आगम युग से अब तक प्राप्त मौलिक तप विधियाँ? * इतिहास के पृष्ठों में तप साधना की क्रमिक अवधारणा? * भौतिक एवं आध्यात्मिक जगत में द्वादशविध तप का मूल्य क्या है? SAJJANMANI GRANTHMAL Website : www.jainsajjanmani.com,E-mail : vidhiprabha@gmail.com ISBN 978-81-910801-6-2(IX)

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