Book Title: Tap Sadhna Vidhi Ka Prasangik Anushilan Agamo se Ab Tak
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

Previous | Next

Page 268
________________ 202...तप साधना विधि का प्रासंगिक अनुशीलन आगमों से अब तक सम्बन्धित व्रत की परिपाटी भी इस परम्परा में प्रचलित है। तुलना - यदि हिन्दू धर्म में परिगणित व्रतों की तुलना जैन धर्म में मान्य व्रतों के साथ की जाए तो अवबोध होता है कि इसमें प्रचलित अधिकांश व्रत भौतिक उपलब्धियों की पूर्ति हेतु किये जाते हैं। कुछ व्रत एवं पर्व लौकिक दृष्टि से जैन परम्परा में भी मान्य हैं जैसे- धनतेरस, रक्षा बंधन आदि। कुछ व्रत जैन मत से साम्यता भी रखते हैं उदाहरणार्थ- जैन ग्रन्थों में वर्णित चान्द्रायण व्रत की भाँति इस परम्परा में भी चान्द्रायण व्रत करने वाला मयूर के अण्डे के बराबर ग्रास बनाकर शुक्लपक्ष में तिथि की वृद्धि के अनुसार एक-एक ग्रास बढ़ाते हुए और कृष्णपक्ष में तिथि के अनुसार एक-एक घटाते हुए भोजन करता है एवं अमावस्या के दिन उपवास करता है। इस प्रकार हिन्दू व्रत एवं जैन व्रत में किंचित समानता और अधिक असमानता है। बौद्ध धर्म में व्रत पर्वोत्सव विभिन्न सम्प्रदायों से जुड़े लोग अपनी-अपनी परम्परा के अनुसार वर्षभर में अनेक पर्व तथा उत्सव आयोजित करते हैं। विश्व के अधिकांश भागों में रहने वाले बौद्ध-धर्मावलम्बी लोग भी बड़े हर्षोल्लास के साथ कई उत्सव मनाते हैं, जो उनके सामाजिक परिदृश्यों तथा भगवान गौतम बुद्ध के जीवन-दर्शन पर पर्याप्त प्रकाश डालते हैं। ____ लुम्बिनी, बोधगया, सारनाथ और कुशीनगर - ये चार ऐसे स्थान हैं जो गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति, प्रथम उपदेश और महापरिनिर्वाण से सम्बन्धित होने के कारण बौद्धों के लिए पवित्र तीर्थ बन गये हैं। इसी प्रकार श्रावस्ती, संकास्य, राजगृही और वैशाली भी बौद्धों के तीर्थ स्थान के रूप में माने जाते हैं; क्योंकि महात्मा बुद्ध ने इन स्थानों पर अपने चार मुख्य चमत्कारों का प्रदर्शन किया था। इन सभी पावन तीर्थों में श्रद्धालुजन अनेक अवसरों पर एकत्र होते हैं और हार्दिक श्रद्धा के साथ उल्लासपूर्ण वातावरण में पर्व मनाते हैं। ___ बौद्ध धर्म के दोनों सम्प्रदायों- हीनयान और महायान में कतिपय विभिन्नताओं के साथ समान रूप से पर्व मनाने की प्रथा प्रचलित है। इनमें कुछ लोग पर्यों के अवसर पर प्रदर्शित होने वाले संगीत तथा नृत्य को आडम्बर की संज्ञा देते हुए इसका निषेध करते हैं। उनका मानना है कि बौद्ध धर्म एक विशुद्ध

Loading...

Page Navigation
1 ... 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316