Book Title: Surya Sahasra Nam Sangraha Trayam
Author(s): Dharmdhurandharsuri
Publisher: Jain Vidya Shodh Samsthan
________________ श्रीसूर्यसहस्रनामसङ्ग्रहत्रयम् दिननेता दिवभर्ता दिवेशोऽभ्रपथाध्वगः // 7 // दिवरत्नं वियद्ररत्नं, घोरत्नं दिवसप्रभुः / द्योपान्थो दिवसस्वामी, द्योकेतुर्दिननायकः // 8 // दिनेन्द्रो दिवसाधीशो, दिवेन्द्रो दिवसाधिपः / द्योमणिर्गगनरत्नं, दिवेनो वियदध्वगः / / 9 / / द्योदेशिको द्योपथिको, द्योध्वजोऽभ्रपथाध्वगः / दिवेशिता द्युपथिको, द्योध्वनीनो दिवेश्वरः // 10 // आकाशकेतुर्घरोशो-ऽम्बररत्नं महर्विभुः / अनन्तकेतुर्घस्रेन्द्रो-ऽम्बरकेतुर्दिनाधिभूः // 11 // घस्रेश्वरो घस्रराजो, घसभर्ता दिवाधिराट् / घस्रनेता घस्रपतिर्घस्रेनो घस्रनायकः // 12 // घरोशिता घस्रविभुर्घस्रस्वामी खकेतनः / घस्राधिपो घस्रमणिर्घस्रनाथो हरीश्वरः // 13 // . सुधाशनपथाध्वन्यो, नक्षत्रसरणिध्वजः / कलिन्दनन्दनातातः, कलिन्दतनयापिता // 14 // / / इति सूर्यसहस्रनामसङ्ग्रहे चतुर्थः प्रकाशः॥ अगो दशशतज्योतिर्भेशो दशशतद्युतिः / सहस्रधामाऽ-र्चिरीश:, सहस्रकेतुरंशुपः // 1 // प्रजापतिः प्रभामाली, धर्मतातो यमीपिता। धर्मवप्ता विश्वकर्मा, धर्मबप्पो हरिद्विभुः / / 2 / / धर्मबीजी यमीबीजी, हरिबीजी हरिप्रभुः। हरितातो धर्मपिता, हरिसूः सूर्यजापिता // 3 // हरिबप्पो हरिनेता, धर्मसूर्यमुनापिता / 153
Page Navigation
1 ... 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194