Book Title: Surya Sahasra Nam Sangraha Trayam
Author(s): Dharmdhurandharsuri
Publisher: Jain Vidya Shodh Samsthan
________________ श्रीसूर्यसहस्रनामसङ्ग्रहत्रयम् प्रसन्नवदन: 472. ब्रह्मा 473. ब्रह्मचर्यवान् 474. प्रद्योत: 475. प्रद्योतनः 476. प्रभावनः 477. प्रभाकरः 478. प्रभञ्जनः 479. परप्राण: 480. परपुरञ्जयः 481. प्रजाद्वारः 482. प्रजापति: 483. प्रजन: 484. पर्जन्यप्रियः 485. प्रियदर्शन: 486. प्रियकारी 487. प्रियकृत् 488. प्रियंवदः 489. प्रियङ्करः 490. प्रयत: 491. प्रीति: 492. प्रयतात्मा 493. प्रीतात्मा 494. प्रयतानन्दः 495. प्रीतिमनाः 496. प्रकाशन: 497. पुरुषोत्तामः,४९८. प्रकृति: 499. प्रकृतिस्थिति: 500. प्रलम्बहार: 501. परमोदार: 502. परमेष्ठी 503. पुरन्दर: 504. प्रणतार्तिहा 505. प्रणतार्तिहरः 506. परन्तपः 507. प्ररेताः 508. प्रशान्त: 509. प्रशम: 510. प्रतापन: 511. प्रतापवान् 512. पृथिवी 513. प्रथित: 514. प्रत्यूहः 515. वृषाकपिः 516. पुरुष: 517. वृषध्वजः 518. विश्व: 519. विश्वामित्र: 520. विश्वम्भरः 521. पशुमान् 522. विश्वतापन: 523. पिता 524. पितामहः 525. पतगः 536. पतङ्गः 537. पितृद्वारः 538. पुष्कलनिभः 539. वषट्कारः 540. ज्यायान् 543. जामदाम्यजित् 544. चारुचरित: 545. जाठरः 546. जातवेदाः 547. छन्दवाहन: 548. योगी 549. योगीश्वरपति: 550. योगनित्य: 551. योगतत्पर: 552. ज्योतिरिश: 553. जयः 554. जीव: 555. जीवानन्द: 556. जीवन: 557. जीवनाथ: 558. जीमूत: 559. जलप्रिय: 560. जेता-जगत् 561. युगादिकृत् 562. युगः 563. युगातव: 564. जगदाधार: 565. जगदादिज: 566. जगदानन्दः 567. जगद्दीप: 568. जगज्जेता 569. चक्रबन्धु: 570 चक्रवर्ती 571. चक्रपाणि: 572. जगन्नाथ: 573. जगत् 574. जगतामन्तकरण: 575. जगतांपति: 576. जगत्साक्षी 577. जगत्पति: 578. जगत्प्रिय: 579. 179
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