Book Title: Studies In Umasvati And His Tattvartha Sutra
Author(s): G C Tripathi, Ashokkumar Singh
Publisher: Bhogilal Laherchand Institute of Indology
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206 Studies in Umāsvāti तत्त्वार्थसूत्र का व्याख्या साहित्य जैसा कि पहले ही कहा जा चुका है कि तत्त्वार्थसूत्र पर विपुल मात्रा में व्याख्या ग्रंथ उपलब्ध हैं। इनमें से कुछ प्रमुख टीका ग्रंथ इस प्रकार हैं - 1. आचार्य समन्तभद्र (तृतीय सदी) प्रणीत 84000 श्लोक प्रमाण गन्ध
हस्तिमहाभाष्य। इसके उल्लेख तो मिलते हैं, किन्तु सम्प्रति यह अनुपलब्ध
2. श्वेताम्बर जैन परम्परा मान्य वाचक उमास्वातिकृत तत्त्वार्थाधिगमभाष्य नामक
2200 श्लोक प्रमाण स्वोपज्ञ टीका। 3. आचार्य देवनन्दि पूज्यपाद(पंचम शती) प्रणीत सर्वार्थसिद्धि नामक 5500
श्लोक प्रमाण टीका ग्रंथ। 4. आचार्य भट्ट अकलंकदेव (सप्तम शती) प्रणीत 16000 श्लोक प्रमाण __तत्त्वार्थवार्तिक, अपरनाम तत्त्वार्थराजवार्तिक। 5. सिद्धसेनगणि कृत तत्त्वार्थाधिगमभाष्य-अनुसारी 18282 श्लोक प्रमाण
बृहद्वृत्ति। 6. आचार्य विद्यानन्द (नवीं शती) विरचित 18000 श्लोक प्रमाण बृहद् टीका
तत्त्वार्थश्लोकवार्तिका 7. हरिभद्रसूरि प्रणीत भाष्यानुसारी 11000 श्लोक प्रमाण टीका। 8. तत्त्वार्थभाष्यलघुवृत्ति (डुपडुपिका वृत्ति)। 9. अभयनन्दिसूरि (दसवीं शती) कृत तात्पर्य-तत्त्वार्थवृत्ति। 10. आचार्य भास्करनन्दि (12वीं शती) कृत सुखबोधाटीका अथवा तत्त्वार्थवृत्ति। 11. आचार्य योगीन्द्रदेव विरचित तत्त्वप्रकाशिका। 12. बालचन्द्र (13वीं शती) कृत कन्नड़ टीका। 13. विबुधसेनाचार्यकृत 3250 श्लोक प्रमाण तत्त्वार्थ टीका। 14. श्री योगदेव गृहस्थाचार्य (16वीं शती) विरचित तत्त्वार्थवृत्ति। 15. लक्ष्मीदेव गृहस्थाचार्य विरचित तत्त्वार्थ टीका। 16. आचार्य प्रभाचन्द्रकृत तत्त्वार्थवृत्ति पद विवरण। 17. प्रभाचंद्र (ई. 1432) कृत, तत्त्वार्थ-रत्नप्रभाकर।