Book Title: Sramana 2009 01
Author(s): Shreeprakash Pandey, Vijay Kumar
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 32
________________ भगवतीसूत्र में वर्णित परमाणु विज्ञान २७ तक देशकम्प सर्वकम्प निष्कम्पता की प्ररूपणा, तथा सर्वदेश कम्पक-निष्कम्पक परमाणु से अनन्त प्रदेशी स्कन्धों के अल्प- बहुत्व की प्ररूपणा की गयी है। इस प्रकार हम देखते हैं कि भगवतीसूत्र में अतिसूक्ष्मता से परमाणु विवेचन किया गया है। वर्तमान में जिस परमाणु की चर्चा में सम्पूर्ण वैज्ञानिक जगत् संलग्न है, उस परमाणु की चर्चा हमारे आगमों में भरी पड़ी हैं। आवश्कता है उन्हें ढूढ़कर जनमानस के समक्ष प्रस्तुत करने की। आज विज्ञान जिसे प्राप्त कर अपनी उपलब्धि मान रहा है वह उपलब्धि तो भगवान महावीर ने लगभग २६०० वर्ष पूर्व ही जनमानस को प्रदान कर दी थी। यह हमारी कमी कहें या स्वार्थता कि हमने उसे प्रचारित-प्रसारित करने का प्रयास नहीं किया। सन्दर्भ : १. भगवतीसूत्र : एक परिशीलन, पृष्ठ ७ २. भगवतीसूत्र, शतक १४, उद्देशक ४, सूत्र ५. ३. गेलड़ा, डॉ. महावीर राज, जैन विद्या और विज्ञान, पृ०-११६ .

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