Book Title: Sramana 1996 04
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 53
________________ Jain Education International ७५. १५१८ मार्गसिर वदि ५ गुणसुन्दरसूरि शनिवार १५१८ फाल्गुन वदि १ गुणसुन्दरसूरि सोमवार ५२ : श्रमण/अप्रैल-जून/१९९६ गुणसुन्दरसूरि ७७. १५२० चैत्र वदि ८ शुक्रवार For Private & Personal Use Only १५२१ माघ वदि ९ गुणसुन्दरसूरि सोमवार १५२१ माघ सुदि १३ गुणसुन्दरसूरि गुरुवार ८०. १५२२ कार्तिक वदि ५ गुणसुन्दरसूरि गुरुवार । १५२२ पौष वदि १ भट्टारक गुण- गुरुवार सुन्दरसूरि १५२२ फाल्गुन सुदि ३ भट्टारक गुण- सोमवार : सुन्दरसूरि श्रेयांसनाथ की पंचतीर्थी लीलाधरजी का विनयसागर, पूर्वोक्त, लेखाङ्क ५८० प्रतिमा का लेख उपाश्रय, जयपुर नमिनाथ की चौबीसी नवखण्डा पार्श्वनाथ बुद्धिसागर, पूर्वोक्त,भाग २, लेखाङ्क प्रतिमा का लेख जिनालय, भोयरापाडो, ८६३ खंभात सुमतिनाथ की धातु की अजितनाथ जिनालय, मुनि विशालविजय, पूर्वोक्त, लेखाङ्क पंचतीर्थी प्रतिमा का लेख राधनपुर २२७ एवं मुनि विजयधर्मसूरि, पूर्वोक्त, लेखाङ्क ३४७ धर्मनाथ की प्रतिमा वीर जिनालय, बुद्धिसागर, पूर्वोक्त, भाग २, का लेख खारवाड़ो, खंभात लेखाङ्क १०३० । अभिनन्दनस्वामी अजितनाथ जिनालय, वहीं, भाग-१, लेखाङ्क १०१३ की प्रतिमा का लेख शेखनो पाडो, अहमदाबाद आदिनाथ की प्रतिमा वीर जिनालय, नाहर, पूर्वोक्त, भाग-२, लेखाङ्क का लेख डीसा २१०४ चन्द्रप्रभ की प्रतिमा लोढण पार्श्वनाथ- बुद्धिसागर, पूर्वोक्त, भाग-१ लेखाङ्क का लेख देरासर, डभोई चन्द्रप्रभस्वामी की पंचायती मंदिर, विनयसागर, पूर्वोक्त, लेखाङ्क ६२३ पंचतीर्थी प्रतिमा का लेख जयपुर . www.jainelibrary.org

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