Book Title: Shrutsagar 2015 07 08 Volume 01 02 03 Author(s): Hiren K Doshi Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba View full book textPage 5
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org संपादकीय हिरेन के. दोशी पर्युषण पर्व की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ श्रुतसागर का यह अंक आपके करकमलों में सादर समर्पित करते हुए अपार आनन्द की अनुभूति हो रही है। इस अंक में प्रथम लेख गुरुवाणी शीर्षक के तहत आचार्य श्री बुद्धिसागरसूरीश्वरजी म.सा. कृत कर्मयोग कर्णिका से प्रकाशित किया जा रहा है जिसमें भयत्याग एवं भयोत्पत्ति के विविध प्रकारों का वर्णन किया गया है। द्वितीय लेख के रूप में 'श्रुतदेवीने' शीर्षक के तहत योगनिष्ठ आचार्य भगवन्त श्री बुद्धिसागरसूरिजी म.सा. कृत भजन पद संग्रह भाग-८ में से प्रस्तुत किया गया है तो तृतीय लेख राष्ट्रसंत आचार्य भगवंत श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी म.सा कृत पुस्तक Beyond Doubt से संकलित किया गया है । आशा है चातुर्मास के इस पावन अवसर पर इन लेखों के माध्यम से समाज को एक नई दिशा व प्रेरणा मिलेगी। Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चतुर्थ लेख के रूप में भारतीय प्राचीन लिपियों के संरक्षण-संवर्धन हेतु श्रुतसागर के माध्यम से चली आ रही श्रृंखला के तहत इस बार शारदा लिपि का परिचय प्रस्तुत् किया जा रहा है। इस लेख में शारदा लिपि के उद्भव एवं विकास तथा संपूर्ण वर्णमाला व लेखनशैली का विशद् विवेचन प्रस्तुत किया गया है। प्रत्येक अंक में प्रकाशित होनेवाली पुस्तक समीक्षा श्रृंखला के तहत इस बार जिनशासन आराधना ट्रस्ट, मुंबई द्वारा वि.सं. २०७० में प्रकाशित कृति 'जिनालय निर्माण मार्गदर्शिका' की समीक्षा प्रस्तुत् की जा रही है। शिल्प एवं स्थापत्य में रुचि रखनेवाले विद्वानों के लिए यह एक अत्यन्त ही महत्त्वपूर्ण व उच्च कोटि का संदर्भ ग्रन्थ है । समाचार श्रेणी में राष्ट्रसन्त आचार्य भगवन्त श्री पद्मसागरसूरिजी म.सा. एवं उनके शिष्य-प्रशिष्यों के चातुर्मासिक आराधना हेतु मंगल प्रवेश विषयक समाचारों का संकलन किया गया है। आशा है इस अंक में संकलित सामग्री द्वारा हमारे वाचक अवश्य लाभान्वित होंगे व अपने महत्त्वपूर्ण सुझावों से अवगत कराने की कृपा करेंगे। .. For Private and Personal Use OnlyPage Navigation
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