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श्रुतसागर
यथा
जुलाई-अगस्त-२०१५
स् + थ= स्थ
भाव:
स्थान
स्थानीय सुनीया स्थापना
प्रस्थान धूिमुना इसी प्रकार जब हलन्त 'त् एवं न्' वर्गों के पश्चात् 'थ' वर्ण आता है तो त्थ' एवं 'न्थ' लिखने के लिए 'त' व 'न' वर्गों को पूरा लिखकर उनके नीचे उपरोक्त 'ऊ'कार सदृश वर्ण लिखा जाता है। यथा
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त् + य = त्य न् + थन्थ उघऊना+च-ऊ.
अश्वत्थ भनऊ, ग्रन्थागार गगन उत्थान ऊन आत्ममन्थन अङमजन
आत्ममन्थन
जब 'द' के साथ 'ध' वर्ण जुडता है तो 'द' लिखकर उसके नीचे एक (8) ऐसा चिह्न लगाकर लिखा जाता है जिसका उच्चारण 'द्ध होता है। यथा
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