Book Title: Shrenika Charitra
Author(s): Shubhachandra Acharya, Dharmchand Shastri
Publisher: Bharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad

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Page 11
________________ इस श्लोक से यह बात बतलाई गई है कि यह पाण्डव पुराण (शाकवाट) सागवाड़ा में विक्रम संवत् सोलह सौ आठ (१६०८) भादों द्वितीया के दिन बनाया गया है। __ इससे यह साफ विदित होता है कि भट्टारक शुभचन्द्राचार्य वित्रम की सत्रहवीं शताब्दी में हुए हैं। पाण्डव पुराण की प्रशस्ति में भट्टारक शुभचन्द्राचार्य ने अपने बनाये ग्रंथों के नाम दिये चन्द्रप्रभ चरित्र, पद्मनाभ (पदमनाथ) चरित्र प्रद्युम्न चरित्र, जीवंधर चरित्र, चन्दना कथा, नन्दीश्वरी कथा, पं० आशाधर कृत आचार शास्त्र की टीका, तीस चौवीसी विधान, सद्वृत्तसिद्ध पूजा, (सिद्ध चक्र पूजा) सारस्वत यंत्र पूजा, चिन्तामणि तन्त्र, कर्मदहन पाठ, गणधरवलय पूजन, पार्श्वनाथ काव्य की पंजिका, पल्यव्रतोद्यापन, चरित्र शुद्धि व्रतोद्यापन, अपशब्द खण्डन, तत्वनिर्णय, तर्क शास्त्र, तर्क शास्त्र की टीका, सर्वतोभद्र पूजा, अध्यात्म पदवृत्ति, चिन्तामणि व्याकरण, अंग प्रज्ञप्ति, जिनेन्द्र स्तोत्र, षड्वाद और पाण्डव पुराण। श्रेणिक पुराण इन्हीं भट्टारक का बनाया हुआ है परंतु उपर्युक्त पाण्डव पराण की सूची में श्रेणिक पुराण का उल्लेख नहीं किया गया है इसलिए मालूम होता है श्रेणिक पुराण पाण्डव पुराण के पीछे अर्थात् विक्रम संवत् १६०८ के पीछे बनाया गया है तथापि कब बनाया गया यह निर्णय नहीं होता। भट्टारक शुभचन्द्राचार्य के बनाये और भी अनेक ग्रंथों के नाम मिलते हैं मालम नहीं वे भी श्रेणिक पुराण के पीछे बने हैं या पहले। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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