Book Title: Shatkhandagama Pustak 07 Author(s): Pushpadant, Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye Publisher: Jain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati View full book textPage 6
________________ विषय-सूची प्राक्कथन i-ii प्रस्तावना Introduction १ क्या षट्खंडागम जीवट्ठाणकी सत्प्ररूपणाके सूत्र ९३ में 'संयत' पद अपेक्षित नहीं मूल, अनुवाद और टिप्पण क्षुद्रकबन्ध बन्धक-सत्त्व-प्ररूपणा १ एक जीवकी अपेक्षा स्वामित्व .... २५ २ , , , काल .... ११४ ३ , , , अन्तर .... १८७ ४ नाना जीवोंकी , भंगविचय.... २३७ ५ द्रव्यप्रमाणानुगम .... .... २४४ ६ क्षेत्रानुगम. .... .... २९९ ७ स्पर्शनानुगम .... ८ नाना जीवोंकी अपेक्षा कालानुगम ४६२ ९, , , अन्तरानुगम ४७८ १० भागाभागानुगम .... .... ४९३ ११ अल्पबहुत्वानुगम महादण्डक २ मूडबिद्रीकी ताडपत्रीय प्रति योंमें जीवट्ठाणकी सत्प्ररूपणाके सूत्र ९३ में 'संजद' पाठ है। ३ विषय-परिचय .... १ क्षुद्रकबन्धकी विषय-सूची ५ शुद्धिपत्र .... .... ५२० परिशिष्ट १ क्षुद्रकबन्ध-सूत्रपाठ .... २ अवतरण गाथा-सूची .... ३ न्यायोक्तियां ४ ग्रंथोल्लेख .... ५ पारिभाषिक शब्दसूची Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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