Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 10
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 326
________________ // 72 // // 73 // // 74 // // 75 // // 76 // // 77 // आयरियाई वंदण सव्वस्सुच्चारणं च सक्कथओ / उट्ठित्तु गाहभणणं तिन्नेव य हुंति उस्सग्गा तत्थ पढमो चरिते दंसणसुद्धीएँ बीयओ होई / सुयनाणम्मि वि तइओ नवरं चिंतेइ अइयारे मुहणंतगपडिलेहा वंदणगालोयणं च सुत्तं च / अभुट्ठाणं वंदण खामणयं वंदणं चेव आयरियाईगाहातिगस्स उच्चारणं च कायव्वं / छम्मासिय उस्सग्गो मुहपोत्ती वंदणं चेव पच्चक्खाणं च तहा इच्छामणुसट्ठिवयणमुच्चरणं / तिनिथुई चीवंदण पडिक्कमणं राइयं होइ राइयपडिक्कमणे किल पच्चक्खाणाय कुणइ उस्सगं / छम्मासियं विचिंतइ तस्स य पाढो इमो सुणह तो वेलाए उचियं जिणगुरुपायाण सुमरणं काउं / . अह पंडुरे पभाए जाए पडिलेहणावसरे वंदिय भणेइ संदिसह इच्छक्कारेण करइ पडिलेहं / पोत्तं (पुबि) पोत्ति पेहइ तलवच्छरणाइ पेहेडं परिहइ पेहइ नियंसणं पि परिहेत्तु पेहए तं पि / ठवणागुरुं पमज्जइ तन्निस्सेज्जाइयं पेहे ठवणगुरुं तो नवकारमाइणा ठवइ सम्ममुवस्तो / वंदिय पोत्ति पेहइ वंदित्ता संदिसावेमो ओहिं वंदिय ओहिं पडिलेइह तो कमेण वत्थाई / संथाराई पेहइ कट्ठासणमाइयं च तहा पोसहसालं तत्तो पमज्जए उद्धरेइ कज्जाइ / लहुयतरो अन्नो वा चक्टुं दाउं परिठवेई 317 // 79 // // 80 // // 81 // // 82 // // 83 // // 84 //

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