Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 10
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
View full book text
________________ दुब्भिक्खमोसहं धरणगं च मोत्तूण नो निसाए वि / खाइममसणं भुंजे तहत्थियं पाउसे दुन्नि / // 24 // अंबामलयजयंती करपढकरवंदलिंबुयकरीरे / तिंदूरमिरियमंजरि अत्थाणं वज्जए सेसं // 25 // तीसं दव्वाइं सच्चित्ता, दिणस्संतो दसेव मे / विगईओ य चत्तारि, एगा धनस्स सेइगा // 26 // अब्भंगे भोयणे चेव, घयतेल्लाण मे पलं / दक्खाई तोलि मे अट्ठा, पला सयलखाइमे // 27 // अंबयदाडिमविज्झिडकविट्ठबीजउरकरुणकेलाई / नारंग मुत्तुनीलं वज्जेऽहं जाव जीवाए // 28 // पाणम्मि एगो घडगो जलस्स, पूगीफला पन्नर तीस पन्ना / जाईफलंमी पलमेगमेव, सेसे पला दोनि उ साइमम्मि // 29 // कत्थूरिंगाकुंकुमचंदणाणि, कप्पूरमुत्ताहलफुल्लमाई / वज्जेमि सिंगारकए तहेव, नेवोचियं जं विहवंगणाणं // 30 // ण्हाणं सव्वंगिया तिन्नि, भोगत्थं मासब्भंतरे / ते वि मे जलकुंभेणं, वज्जे सेसमहं सया // 31 // पारुत्थसयमोल्लाउ, तियलीओ सत्तमे दिणे / सुवासयं मे दोनि, रुप्पस्स पल मे सयं // 32 // सेज्जाकज्जेण काहामि, तूली एक परिग्गहे / वज्जे भोगव्वए सेसं, भोगत्थं तिविहेणऽहं // 33 // निम्धिणजणोचियाणं बहुसावज्जाण लोगवज्जाणं / खरकम्माणं सव्वाण मज्झ विरई उ जाजीवं // 34 // ठट्ठारभाडभुंजाइयाण बहुजलणजालणविहीए / परिकलियजीवियाणं वित्तिं वज्जेमि तिविहेणं // 35 // 331
Page Navigation
1 ... 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354