Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 08
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

Previous | Next

Page 320
________________ // 52 // // 53 // // 54 // // 55 // // 56 // // 57 // अद्दयकुमारसाहू कित्तिधरो नंदिसेणकरकंडू। हल्लविहल्लमुर्णिदां सालमहासालसीहगिरी अज्जमहागिरिअज्जसुहत्थी तह अज्जरक्खिओ संबो। पज्जुन्नमुणी कुम्मापुत्तो तह भद्दगुत्तो य विसमभवभमणनासणजिणसासणगयणमंडणमियंका / अन्ने वि महामुणिणो गुणिणो मम दितु सिद्धि सुहं जणविम्हयजणणीओ जयंति तित्थंकराण जणणीओ। पसवंति पुत्तरयणं जाओ तेलुक्कसिरितिलयं सीयाएवी सुलसा राइमई मयणरेह दमयंती। अज्जा चंदणबाला मणोरमा तह विलासवई अंजणासुंदरी चेव नम्मयासुंदरी सिवा / धारिणी चिल्लणादेवी पभावई कलावई . रेवई देवई जिट्ठा सुजिट्ठा पउमावई। नंदा भद्दा सुभद्दा य रिसिदत्ता मिगावई इयमाइ सलहणिज्जा महासई जाण सुद्धचरियाण / वाइज्जइ सीलगुणो पयडु व्व जयम्मि जसपडहो गुणगारवं जिणाणं सिद्धसरूवं च सव्वसिद्धाणं / आयरियाणायारं उज्झायाणं च अज्झयणं सच्चरियं साहूणं जं सुहकिच्चं च सावयाणं, पि। अणुमोएमि सहरिसं तं चिय उल्लसियरोमंचो अरहंतसिद्धचेईयसिद्धताईण जयपवित्ताणं / जं आसाईयमिण्डिं मह मिच्छा दुक्कडं तत्थ पयअक्खरमत्ताए अहियं हीणं च जं मए गुणियं / तं तित्थयरपयासियवाणीए मज्झ खमियव्वं // 58 // // 59 // // 60 // // 61 // // 62 // // 63 // , 311

Loading...

Page Navigation
1 ... 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346