Book Title: Shabda Sanskar Author(s): Kalyankirtivijay Publisher: ZZ_Anusandhan View full book textPage 6
________________ डिसेम्बर २०१० परहउ - पराक्, परतः विल - विलक्ष सविहुं-गमा - समन्तात्, विष्वग्, द्रहद्रहवेला - जइ(य)द्रथवेला समन्ततः सांझ - सन्ध्या, सायम् ऊगुमूगउ - अवाग्(मूकः बहवररात्रि - मध्यमरात्रि झलझाखसुं - झलब्भाष्यं नसीथविहाणुं - विभाति प्रत्यूषम् (चलद्ध्वाङ्क्षम्) घडी - घटिका, नाडिका म(मु)हम(मु)हसीझणउं - मुख- पुहर - प्रहर, याम मुखेष(क्षणम्) सवार - सवेला उ(ऊ)धांधलूं - ऊर्ध्वधूलकं असूरं - असूरम् (उद्धूलिकम्) चुघडीउं - चतुर्घटिकम् सूगामणूं - सूकाजनकम् आधु - अर्ध षीषइनही - क्षेम-क्षतिर्न हि आपणुं - आत्मीय, स्वकीयम् | पूरु - पूर्ण पराउं - परकीय अधूरुं - अर्धपूर्ण अनेरानुं - अन्यदीय, अन्यसत्क दुढउं - सार्ध देवनुं - देवसत्कि(त्क) अढाई - अर्धतृतीय गुरु- - गुरुसत्क अहूठउं - अर्धचतुर्थ जे पुण्य - यदि एति साढापंच - सार्धपञ्च, पञ्चन(पञ्चोन) अजी - अद्याऽपि बइ - द्वि तउइ - तथाऽपि तीणि - त्रि उइहण - ऐषम च्यारि - चत्वारि पुर - पुरतः, परारि पंच - पंचन् पढू - प्रतिभू छ - षट पढूचुं - प्रतिभाव्यम् सात - सप्तन् ऊपरीयामणुं - उत्कि(त्क)लिकाकुलम् आठ - अष्टन् कोडि- कौतुक नव - नवन् उल्यउं - अर्वाचीनम् दस - दशन् पइलू - पराचीनम् एकादस - एकादशन्Page Navigation
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