Book Title: Shabda Sanskar
Author(s): Kalyankirtivijay
Publisher: ZZ_Anusandhan
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डिसेम्बर २०१०
३३
न्हाउ - स्नान(त), मज्जन(मज्जित) कापिउं - क्लृप्त पचु - पच्यत(पक्व ?)
तापुं - तप्त रचु - रचित
विगूउ - विगुप्त संचु - सञ्चित
सूतु - सुप्त लीपुं - लिप्त
जागु - जागृत लोपुं - लुप्त
उठिउं - उष्टितं(उत्थित) उहटिउ - निवृत
बइठु - उपविष्ट पाछु वलिउ - पछवीतू वलत(पश्चाद् पइठु - प्रविष्ट वलित ?)
नीठउं - निष्ठित पांगुरु - प्रावृत
रहिउ - स्थित राखु - रक्षित
सामहिउ - सज्जीभूत दीखु - दीष(क्षि?)त
सनहिउं - सन्नद्ध लाखु - विक्षिप्त
संग्रहउं - संगृहीत घालु - क्षिप्त
सासहिउ - संसोढ चालु - चलित
जमुं - [] (?) बलु - ज्वलित
रूधउं - रुद्ध कलु - कलित
पीसुं - पिष्ट नीकलु - नी(नि?)ष्कलित चोरु - चोरित नीसरु - निःसृत
चीतq - चिंतित गलिउं - गलित
रमउ - क्रीडित छलु - छलित
भ्रमुं - भ्रान्त ढलु - लुठित
दमु - दान्त पलु - पलित
वमिउ - वान्त सांभखें - श्रुत, आकर्णित उपसामु - उपसान्त रुलिउ - रुलित
छेदउं - छिन्न वलिउ - वलित
भेदउं - भिन्न कापु - कम्पित
प्रेरु - प्रेरित थापुं - स्थापित
वखाणुं - व्याख्यात व्यापु - व्यापित(व्याप्त)
पाउ - पायित

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