Book Title: Shabda Sanskar
Author(s): Kalyankirtivijay
Publisher: ZZ_Anusandhan

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Page 13
________________ २२ अनुसन्धान-५३ श्रीहेमचन्द्राचार्यविशेषांक भाग-१ पाडउ - पाटक बर[फ] - जूवटउं - द्यूतावर्त अवसा, धूअरि - मिहिका भंडार - भाण्डागार बिंद - विपृष्, जललव कोठार - कोष्ठागार वाहउ - बाहुप्रवाह घोडाहडि - हयशाला, मन्दुरा नीक - सारणि हस्त(हस्ति)शाला कलोल - ऊर्मि, तरङ्गा चुतलं, चुरी - चतुरिका लहरि - लहिरी चतुकाशाला - चतुःशालम् सेवाल - पनग हाट - हट्ट, आपण कमल - अम्भोज, सरोज, पद्मिनी पौषधशाला - पौषधागार तुंतु - बिस करणवारीउं - करणशाला मिघबालाह (?) - जीमूत, मेघमाला, उवट्ट - उत्पथ कादम्बनी मागी - अनुमार्ग वृष्टि - वर्षण नगर - पुर, पत्तन आकास - व्योमन्, अन्तरिक्ष नगरी - पुरी दिशि - दिग्, ककुभ देश – विषय, मण्डल, राष्ट्र पूर्व - प्राची पालि - पल्लि, पछी (?) दक्षण - आराची (अवाची) रान - अरण्य, अटवी पछिम - प्रतीची थल - स्थल उरत - उदीची, कौबेरी उपरवाडउं - उत्पथद्वार आग्नेयी खाड - गर्ता नैर्ऋती मसाण - स्मशान वायवी चुवटु - चतुघस्य(चतुष्पथ?) ऐशानी पाज - पद्या वाउ - पवन मालु - मालक वीजणु - तालवृन्त पाणी - पानीय, वारि, अम्भस् आ[ग] - अग्नि, वह्नि, कृशानु हीम - प्रलीयां (?) धूं (?) - धूमध्वज करा - करक, घनोपल बाफ - बाष्प

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