Book Title: Shabda Sanskar
Author(s): Kalyankirtivijay
Publisher: ZZ_Anusandhan
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डिसेम्बर २०१०
कोइल
कोकिल
पशु, तिर्यग्
नरग
नरक, श्वभ्र
मनुक्ष
मानव
बालक शिशु, शाव
बालपण
शैशव
बाल
तरुण
युवान
-
1
-
वडउ
वृद्ध
खिचर – विहङ्गम
वडपण
वार्धक
सहय
सहृदय
बोलहर
वाक्मान् (वाग्मी ?)
गूगु - मूक बहिरु बधिर
दातार
कृपण मितम्पच
सुजाण
सुज्ञान
अजाण अज्ञान
डहेउं – विदुर वांदणहारु वन्दिर
कहिणारु आशुंसु रूडा बोलु - प्रियंवद
गहिलु ग्रथिल
-
-
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-
दाता, दानशूर
आपवसू स्वतन्त्र, स्वाधीन
परतंत्र पराधीन
आपछंदउ आत्मच्छन्द महर्धिक लक्ष्मण
दाद्री - दुविध अणाथीउ अकिञ्चन धनिक, प्रभु
धणी
दास
कमारु
वहीतरु
-
सुहड सुभट
कायर
कातर
भीरु
विगृह
दयालू
सूग
1
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-
मारणहार
मारविउं
धूर्त
क्रूर
मायावी मिस
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-
भोजक्ष (भुजिष्य ?)
कर्मकर
भारवाहि(ह)क, भारवैवध
शूक
व्याकुल, विहस्त
दयालू, कृपालु
-
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-
घातक
व्यापादन
शठ
नृशंस
चाडउ
चोर – चौर,
-
व्याजात् कर्णेप
व्यंसक
पाटच्चर
आलसू - तुन्दपरिमृज
उंजमालु दान वितरण
मागणहारुं - मार्गण, याचक
भीखारी भिक्षाचर
वणीमग
वनीपक
मागवुं – प्रार्थना
हुणहार भविष्य
लजालू
उद्यमवंत (वान्)
२७
अपत्रस्थ(त्रप?)

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