Book Title: Shabda Sanskar
Author(s): Kalyankirtivijay
Publisher: ZZ_Anusandhan

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Page 21
________________ अनुसन्धान-५३ श्रीहेमचन्द्राचार्यविशेषांक भाग-१ चुथी - चतुर्थी अमावास - अमावास्या पूनम - पूर्णिमा पाखी - पक्षिका चुमासं - चतुर्मासकम् पजूसण - पर्युषणापर्वन् अठाही - अष्टाहिका पाखषमण - पक्षा[न]शन (पक्षक्षपन?) मासक्षमण - मासक्षम(प)न उपवास - अ(उ?)पोषित, चतुर्थ । आबिल - आचाम्ल निवी - निर्विकृतिक एकासणुं - एकभक्त परमढ - पुरिमार्ध पोरिसि - पौरुषी ब्यासणुं - द्विभक्त नुकारसी - नमस्कारसहितम् पचखाण - प्रत्याख्यान पडिकमणुं - प्रतिक्रमण पडिलेह[ण] - प्रतिलेखन काउसग - कायोत्सर्ग खामणुं - क्षामनक वादणुं - वन्दनकम् खमासमण - क्षमाश्रमण आलोयण - आलोचना सझाय - स्वाध्याय वषाण - व्याख्यान चलोटउ - चोलपट्ट उघु - रजोहरण, धर्मध्वज महुपती - मुखपोत(ति)का वदना - वादनिका नसेज - निषेद्य पूछणुं - पादप्रोञ्छनक डंडासणुं - दण्डासनकम् पूजणी - प्रमार्जनिका कभली - कपरिका, काम्बली वसा (?) गोछउ - गोच्छक पात्रकेसरी - पात्रकेसरिका पडलं - पटलक रयत्राण - रजस्त्राण तृपणुं - तृपनकम् (तर्पणकम्) कडहटउं - कटाहटकम् मसीजणुं – मषीपात्रम्, मषीभाजनम् लेखण - लेखनी छुरी - छुरिका कापणी - कर्तरी वेहनकं - वेधनकं नरहिणी - नखहरणी डाडी - दण्डिका नउकार - नमस्कार नुकरवाली - नमस्कारमालिका अरिहंत - जिन, वीतराग, परमेष्ठिन् गणधर - गणभृत् आचार्य - आचार्यमिश्र उपाध्याय - पाठकमिश्र माहात्मा - महात्मन्

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