Book Title: Samvayang Sutram
Author(s): Punyakiritivijay
Publisher: Shripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust

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Page 286
________________ 158 श्रीसमवाया श्रीअभय० वृत्तियुतम् // 266 // चक्रवर्त्तिन: वक्तव्यतादिः सिरिदेवी तारा जाला मेरा वप्पा चुल्लणि अपच्छिमा। जंबुद्दीवे० बारस चक्कवट्टी होत्था, तंजहा- भरहो सगरो मघवं (सणंकुमारोय रायसङ्कलो। संती कुंथूय अरोहवइ सुभूमो य कोरव्वो॥४७॥ नवमोय महापउमो हरिसेणोचेव रायसठूलो।जयनामो य नरवई, बारसमो बंभदत्तोय // 48 // ) एएसिं बारसण्हं चक्कवट्टीणं बारस इत्थिरयणा होत्था, तंजहा- पढमा होइ सुभद्दा भद्द सुणंदा जया य विजया या किण्हसिरी सूरसिरीपउमसिरी वसुंधरा देवी॥४९॥ लच्छिमई कुरुमई इत्थीरयणाण नामाई॥जंबूद्दीवे० नवबलदेवनववासुदेवपितरोहोत्था, तंजहा- पयावई य बंभो (सोमोरुद्दो सिवो महसिवोय। अग्गिसिहोय दसरहो नवमो भणिओयवसुदेवो।। 50 // ) जंबूद्दीवेणं० णव वासुदेवमायरो होत्था, तंजहा- मियावई उमा चेव पुहवी सीया य अम्मया। लच्छिमई सेसमई, केकई देवई तहा॥५१॥जंबूद्दीवेणं० णवबलदेवमायरो होत्था, तंजहा- भद्दा तह सुभद्दा य, सुप्पभा य सुदंसणा। विजया वेजयंती य, जयंती अपराजिया ॥५२॥णवमीया रोहिणी य, बलदेवाण मायरो॥जंबूदीवेणं नव दसारमंडला होत्था, तंजहा- उत्तमपुरिसा मज्झमपुरिसा पहाणपुरिसा ओयंसी तेयंसी वच्चंसी जसंसी छायंसी कंता सोमा सुभगा पियदंसणा सुरूआ सुहसीला सुहाभिगमा सव्वजणणयकंता ओहबला अतिबला महाबला अनिहता अपराइया सत्तुमद्दणा रिपुसहस्समाणमहणा साणुक्कोसा अमच्छरा अचवला अचंडा मियमंजुपलावहसियगंभीरमधुरपडिपुण्णसच्चवयणा अब्भुवगयवच्छला सरण्णा लक्खणवंजणगुणोववेआ माणुम्माणपमाणपडिपुण्णसुजायसव्वंगसुंदरंगा ससिसोमागारकंतपियदंसणा अमसिणा पयंडदंडप्पभारा गंभीरदरसणिज्जा तालद्धओव्विद्धगरुलकेऊमहाधणुविकट्टया महासत्तसाअरा दुद्धरा धणुद्धरा धीरपुरिसा जुद्धकित्तिपुरिसा विउलकुलसमुन्भवा महारयणविहाडगा अद्धभरहसामी सोमा रायकुलवंसतिलया अजिया अजियरहा हलमुसलकणकपाणी संखचक्कगयसत्तिनंदगधरा पवरुज्जलसुकंतविमलगोत्थुभतिरीडधारी कुंडलउज्जोइयाणणापुंडरीयणयणा एकावलिकण्ठलइयवच्छा सिरिवच्छसुलंछणा वरजसा // 266 //

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