Book Title: Samvayang Sutram
Author(s): Punyakiritivijay
Publisher: Shripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
View full book text
________________ श्रीसमवाया श्रीअभय० वृत्तियुतम् // 265 // सूत्रम् |156-157 वेदाधिकारः सूत्रम् 158 चक्रवर्तिनः वक्तव्यतादिः णग्गोहसत्तिवण्णे साले पियए पियंगु छत्ताहे। सिरिसे यणागरुक्ख माली य पिलंक्खुरुक्खे य॥३३॥ तिंदुग पाडल जंबू आसत्थे खलु तहेव दहिवण्णे / णंदीरुक्खे तिलए अंबयरुक्खे असोगे य॥३४॥चंपय बउले य तहा वेडसरुक्खे य धायईरुक्खे। साले य वड्डमाणस्स चेइयरुक्खा जिणवराणं // 35 // बत्तीसं धणुयाई चेइयरुक्खो य वद्धमाणस्स / णिच्चोउगो असोगो ओच्छण्णो सालरुक्खेणं // 36 // तिण्णे व गाउआईचेइयरुक्खो जिणस्स उसभस्स / सेसाणं पुण रुक्खा सरीरओ बारसगुणा उ // 37 // सच्छत्ता सपडागासवेइया तोरणेहिं उववेया।सुरअसुरगरुलमहिया चेइयरुक्खा जिणवराणं॥३८॥एएसिंचउव्वीसाए तित्थगराणं चउव्वीसं पढमसीसा होत्था, तंजहा- पढमेत्थ उसभसेणे बीइए पुण होइ सीहसेणे य। चारू य वज्जणाभे चमरे तहसुव्वय विदन्भे // 39 // दिण्णेय वराहे पुण आणंदे गोथुभे सुहम्मे य। मंदर जसे अरिट्टे चक्काह सयंभु कुंभे य॥४०॥इंदे कुंभे य सुभे वरदत्ते दिण्ण इंदभूईय।उदितोदितकुलवंसा विसुद्धवंसा गुणेहि उववेया। तित्थप्पवत्तयाणं पढमा सिस्सा जिणवराणं॥४१॥ एएसिणंचउवीसाए तित्थगराणं चउवीसं पढमसिस्सिणी होत्था, तंजहा-बंभी य फग्गुसामा अजिया कासवीरई सोमा।सुमणा वारुणि सुलसा धारणि धरणी य धरणिधरा // 42 // पढम सिवासुयी तह अंजुया भावियप्पा य रक्खी य। बंधुवती पुप्फवती अजा अमिला य अहिया॥ ४३॥जक्खिणी पुप्फचूला य चंदणऽज्जा य आहियाउ, उदितोदियकुलवंसा विसुद्धवंसा गुणेहिं उववेया। तित्थप्पवत्तयाणं पढमा सिस्सी जिणवराणं // 44 // गाहा।।सूत्रम् 157 // जंबुद्दीवेणं भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए बारस चक्कवट्टिपियरो होत्था, तंजहा- उसभे सुमित्ते विजए समुद्दविजए य आससेणे य। विस्ससेणे य सूरे सुदंसणे कत्तवीरिएचेव॥५॥पउमुत्तरे महाहरी, विजए राया तहेव य / बंभे बारसमे उत्ते, पिउनामा चक्कवट्टिणं // 46 // जंबूद्दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए बारस चक्कवट्टिमायरो होत्था, तंजहा- सुमंगला जसवती भद्दा सहदेवी अइरा 8 // 265 //

Page Navigation
1 ... 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300