Book Title: Ratanchand Jain Mukhtar Vyaktitva aur Krutitva Part 2
Author(s): Jawaharlal Shastri, Chetanprakash Patni
Publisher: Shivsagar Digambar Jain Granthamala Rajasthan

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Page 6
________________ - पं० रतनचन्द जैन मुख्तार : व्यक्तित्व और कृतित्व - आशीर्वचन : • (स्व.) प्राचार्यकल्पश्री श्रुतसागरजी महाराज * मुनिश्री वर्धमानसागरजी महाराज * आयिकाश्री विशुद्धमती माताजी - सम्पादक: * पं. जवाहरलाल जैन सिद्धान्तशास्त्री, भीण्डर - डॉ. चेतनप्रकाश पाटनी, जोधपुर - प्रकाशक: * ब्र. लाड़मल जैन प्राचार्यश्री शिवसागर दि. जैन ग्रंथमाला शान्तिवीरनगर, श्रीमहावीरजी ( राज०.) 322220 - प्राप्तिस्थान : • १. प्रकाशक ( उपर्युक्त ) * २. पं० जवाहरलाल जैन साटड़िया बाजार, गिरिवर पोल भीण्डर ( राज० ) 313603 - संस्करण: प्रथम : १००० प्रतियां - प्रकाशन वर्ष : १९८९ प्रकाशन - १५०) मूल्य : एक सौ पचास रुपये; ( दो जिल्दों का एक सैट ) - मुद्रक : कमल प्रिंटर्स मदनगंज-किशनगढ़ ( राजस्थान) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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