Book Title: Rai Paseniya Suttam Part 01 Author(s): Hiralal B Gandhi Publisher: Hiralal B GandhiPage 19
________________ रायपसेणियसुत्त सव्वओ समंता गंधा अभिनिस्सर्वति, भवेयारूवे, सिया ? । णो इणने समटे, ते गं मणी एत्तो इट्टयराए चेव गंधेणं पण्णत्ता। तेसि मणीणं इमेयारूवे फासे पण्णत्त, से जहानामए आईणे इ वा, रूए इ वा, बूरे इ वा, नवणीए इ वा, हंसगम्भतूलिया इ वा, सिरीसकुसुमनिचये इ वा, बालकुमुदपत्तरासी इ वा, भवेयारूवे सिया? । णो इणढे समतु, ते णं मणी एत्तो इट्टयराए चेव जाव फासेणं पण्णता । तए णं से आभियोगिए देवे तस्स दिव्वस्स जाणविमाणस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं पिच्छा. घरमंडवं विउघइ। अणेगखंभसयसन्निविटुं अब्भुग्गयसुकयवरवेइयातोरणवररइयसालभंजियागं सुसिलिट्टविसिट्ठलट्ठसंठियपसत्थवेरुलियविमलखभं नाणामणि [ कणगरयण] खचियउजलबहुसमसुविभत्तदेसभाइए ईहामियउसभतुरगनरमगरविहगवालगकिन्नररुरुसरभचमरकुंजरवणलयापउमलयाभत्तिचित्तं कंचणमणिरयणथूभियाग नाणाविहपंचवण्णघंटापडागरिमंडियग्गसिहरं चवलं मरीइकवयं विणिम्मुयंत लाउल्लोइयमहियं गोसीस(सरस)रत्तचंदणदद्दरदिन्नपंचंगुलितलं उवचियचंदणकलसं चंदणघडसुकयतारणपडिदुबारदेसभागं आसत्तोसत्तविउलवट्टवग्धारियमल्लदामकलावं पंचवण्णसरससुरभिमुक्कपुप्फपुंजोवयारकलियं कालागुरुपवरकुंदुरुक्कतुरुक्कधूवमघमघंतगंधुदृयाभिरामं सुगंधवरगंधियं गंधवट्टिभूयं दिव्यं तुडियसहसंपणाइयं अच्छरगणसंघविकिण्णं पासाईयं दरिसणिजं जाव पडिरूवं । तस्स णं पिच्छाघरमंडवस्स बहुसमरमणिजभूमिभाग विउबइ जाव मणीणं फासो । तस्स णं पेच्छाघरमंडवस्स उल्लोयं विउब्वइ पउमलयभ-त्तिचित्तं जाव पडिरूवं । तस्स णं बहुसमरमणिजस्स भूमिभाPage Navigation
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