Book Title: Pravachansara Part 01
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 142
________________ 15, 16, 40, 70 महिद मुत्तिगद 55 हुआ कहा गया भूकृ अनि मानी गयी पूजा गया मूर्त को प्राप्त भूकृ अनि हुआ राग-युक्त हुआ भूक अनि अनुरक्त भूकृ अनि प्राप्त भूकृ अनि वंदना किया गया भूक समाप्त कर दिया भूकृ अनि 16, 61, 76 लद्ध वंदिद ववगद 81 गया विगद . विच्छिण्ण 15, 62. 76 रहित - भूकृ अनि नष्ट कर दिया हस्तक्षेप/ भूकृ अनि समाप्त किया गया जान लिया गया भूकृ अनि तादात्मय किया भूकृ अनि 14, 78 विदिद विमूढ हुआ .. विरहिय विसेसिद विहीण रहित भूकृ अनि विशेषणों से युक्त भूक अनि व्याकुलता रहित भूकृ अनि रहित प्रवचनसार (खण्ड-1) (135) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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