Book Title: Pravachansara Part 01
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy
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सबको
54
26, 50 23, 31
सविसेस सव्वगद सव्वगय सव्वण्हु स-सव्व सहज सहावसिद्ध
16
विशेष सत्ता से युक्त सर्वव्यापक सर्वव्यापक सर्वज्ञ विद्यमान सभी प्रकृतिदत्त स्वभाव से निष्पन्न सिद्ध प्रमाणित
सिद्ध
2.
4
सुयकेवलि सुह
श्रुतकेवली शुभ
9, 11, 13, 14, 79, 81 33 9, 11, 46, 69, 70, 72, 73, 79
सुहिद
सुखी
सेस .....शष
24, 25
. . अनियमित विशेषण उतने तक
70
संख्यावाची विशेषण
48, 49
प्रवचनसार (खण्ड-1)
(143)
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