Book Title: Pratibodh
Author(s): Padmasagarsuri
Publisher: Arunoday Foundation

View full book text
Previous | Next

Page 70
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org. Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मन मथुरा दिल द्वारका काया काशी जान । दसों द्वारका देहरा ता में ज्योति पिछान ।। वह आत्मज्योति आठ को क आवरण में छिपी हुई है। इस आवरण को हटाने के लिए साधना करनी पड़ती है । कममल से श्यामल आत्मवस्त्र को भक्तिजल से धोना है । गा। जंगल में दूब चरती है; परन्तु उसका मन बछड़े में होता है । नट रस्सी पर बिना आधार क चलता है - दौड़ता है - नाचता है, परन्तु उसका मन सन्तुलनपर रहता है । पनिहार ने आपस में कितनी भी बातें करती रहें, पर उनका मन मडे पर टिका रहता है । ठीक इसी प्रकार दनिया क सार काम करते रहने पर भी भक्त का मन भगवान् पर टिका रहता है । जरा झाडू लगाने से मकान स्वच्छ रहता है, वैसे ही जिनवाणी सुनने और याद रखने से विचार शुद्ध रहते हैं । शुद्धि और बुद्धि जिसमें नहीं होती, वही मनमाना व्यवहार करंक दुखी होता है । भक्ति में कसी शक्ति होती है । एक दृष्टान्त द्वारा बताना चाहूँगा : किसी राजा ने प्रसन्न होकर अपने चाकर स मनमानी वस्तु माँगने क लिए कहा । वह बोला :- “जब में द्वारके बाहर अपनी डयूटीपर रहूँ और आप मा पास से निकलें तब मेर कानम कहते रहें कि मैं भगवान को न भूलूँ । बस, यही मरी माँग है ।" राजा आत जात उस चाकर की इच्छा क अनुसार उसके कान में कहने लगा- “तम भगवान को मत भूल जाना ।" लोगों ने जब यह दृश्य देखा तो वे समझने लगे कि यह चाकर राजा को बह। प्रिय है । हो सकता है, राजा ने इसे अपना गुप्तचर बना लिया हो । फल यह हुआ कि उस चाकर की प्रतिष्ठा बहुत बढ़ गई । यह था - भक्ति का चमत्कार । सदा, सगर और सुधर्म की उपासना से जब मोक्ष मिल सकता है, तब सांसारिक प्रतिष्ठा क्यों नहीं मिलेगी ? वह तो बहुत साधारण वस्तु है । __कलागी ने कहा था :-- “श्रद्धा की निष्फल नहीं होती। उससे अचिन्तित कार्य भी पूर्ण हात हैं । श्रद्धा जितनी अधिक गहरी होती है, आत्मकल्याण भी उतना ही जल्दी होता है ।" For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122