Book Title: Pratapmuni Abhinandan Granth Author(s): Rameshmuni Publisher: Kesar Kastur Swadhyaya Samiti View full book textPage 3
________________ समर्पण सोशU Som शांती चन्द्र सम द्य तौ रवि समः क्षात्री धरित्रीसम । सत्ये धर्म सम श्रुती गुरुसम धैर्ये हिमाद्रिसम । धर्माचार-विचार चारु निपुणः शाश्वत स्वधर्म रत.। वन्देऽह सततं प्रतापगुरवे कुर्वन्तु मे मगलम् । -रमेश मुनिPage Navigation
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