Book Title: Pramanvartik Bhasyasya Karikardhapad Suchi Author(s): Rupendrakumar Pagariya Publisher: L D Indology Ahmedabad View full book textPage 5
________________ चित लालभाई दलपतभाई ग्रन्थमाला प्रधान संपादक – दलसुख मालवणिया, अंबालाल प्रे. शाह मुद्रितग्रन्थाः १. सप्तपदार्थी--शिवादित्यकृत, जिनवर्धन- द्वितीयभाग २०-००, तृतीयभाग २१-०० सुरिकृतटीका सह ४.०० 11. AKALANKA'S CRITICISM OF 2, 5, 15, 20 CATALOGUE OF SANSKRIT DITAR MAKIRTS PUILOSOPHY AND PRAKRIT MANUSCRIPTS : A Study : Dr. Nagin Shah 30-00 Muni Shri Punyatijayaji's colle- १२. रत्नाकरावतारिकाद्यश्लोकशतार्थीclion Part I Rs. 50-00 वाचकश्रीमाणिक्यगणि ८-०० Part Rs. 40-00 40-00 १३. शब्दानुशासन-आचार्य मलयगिरिविरPart III Rs. 30-00 ३०.०० Part IV Rs. 40-00 १७ कल्पलताविवेक-कल्पपल्लवशेष--- ३. काव्यशिक्षा-विनयचंद्रसूरिकृत १०.०० अज्ञातकर्तृक ३२.०० ४. योगशतक-आचार्य हरिभद्रकृत स्वोपज्ञ- १८. निघण्टुशेष- सवृत्ति--श्रीहेमचन्द्रसूरि वृत्ति तथा ब्रह्मसिद्धान्तसमुच्चय ५-०० ३०-०० 19. YOGABINDU OF HARIBHADRA ६,१६, २४, रत्नाकरावतारिका-रत्नप्रभा Text with English Traslation सूरिकृत भा० १, २, ३,८-८०, १०-००, Notes, Etc. ___10-00 २२ शास्त्रवार्तासमुच्चय --- श्रीहरिभद्रसूरिकृत ७. गोतगोविन्दकाव्यम् -- महाकविश्री (हिन्दी अनुवाद सह) २०-०० ___ जयदेवविरचित, मानाङ्कटीका सह ८-१० २३ तिलकमञ्जरीसार . .. पल्लीपालधनपाल ८. नेमिरंगरत्नाकरछंद -- कविलावण्य कृत १२-०० समयकृत __२५ नेमिनाहचरिउ भा० १ आ. हरिभद्रसूरि 9. THE NATYADARPANA of RAMACA (द्वितीय) कृत ४०-०० NDRA & GUNACANDRA : . 26. MAHAIPL RANA OF PUSPADANTA: A Critical Study : Dr. K. H. A CRITICAL STUDY OF DEŠYA Trivedi 30-00 WORDS : Dr. Ratana N. Shriyan १०, १४, २१विशेषावश्यकभाष्य-स्वोपज्ञवृत्ति 28.1 __28. Dictionary of Prakrit Proper सह प्रथमभाग १५-०० Names 1 36-00 संप्रति मुङ्माणग्रन्थनामावलि १. नेमिनाहचरिउ भा० २ --- आ० हरि- 7. APTAMI MAMSA OF SAMANTABH. ADRA : Text with English Trans. भद्रसूरि (द्वितीय) कृत tion, Notes Etc. २. अध्यात्मबिन्दु-स्वोपज्ञोवृत्ति सह- 8. SĀSTRAVARTĀSAMUCCAYA OF AC. उपाध्यायहर्षवर्धनकृत HARIBHADRA Text with English Translation, ३. न्यायमञ्जरीग्रन्थिभङ्ग-यक्रधरकृत Notes Etc. 9. Some Aspects of Religion and ४ मदनरेखा आख्यायिका जिनभद्रमूरिकृत Philosophy of India 10. Some Miscellaneous Jain Works ५. विद्यानुशासन-आ० मल्लिषेणमूरिकृत on Logic and Metaphysics ६. मीमांसाश्लोकवार्तिक 11. Jaina Ontology Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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