Book Title: Pramanvartik Bhasyasya Karikardhapad Suchi
Author(s): Rupendrakumar Pagariya
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 52
________________ प्रमाणवार्तिकभाष्यस्य कारिकार्धपादसूची पूर्वापरप्रत्यययोः ३. ७३. १७६ पूर्वापरप्रत्यययोः ३. ३८५. २९१ पूर्वापरस्यास्मरणं २. २२१. २९ पूर्वापरस्वरूपा हि ३. ४०९. २९३ पूर्वापर व्यवस्थाऽपि ४. ३४. ४७६ पूर्वाभ्यासं विना नास्ति २. ५७७. १०३ पूर्वाभ्युपगमेनैव ३. ८४५. ३७८ पूर्वा देव नियमे ३. ९६८. ३९१ पूर्वतराध्यारोपेण ३, २१६. २०९।। पूर्वं परे वा उभयोः २. १५५. २० पृथक् पृथक् गृहीतानां २. ४९८. ८३ पृथकू प्रतीत्यभावे च ३. ५. १७० पृथक् संवेदनं तच्चेत् २. ८१७. १५१ पृथग्भूतं मया दृष्टं ३. ३९०, २९२ पौरुषेयत्वमप्यस्य ४. १३. ४६९ पौर्वापयोपलम्भस्य २. ७४२. १३७ प्रकारभेदे तु पुनर २. ३८०. ५४ प्रकारान्तरताभावा ४. ५१०. ६१२ प्रकाशनेन वाग्मित्व ४. २७. ४७३ प्रकाशमानतायां हि ३. ७१४. ३६४ प्रकाशयद्धि किञ्चित् स्यात् ४. ४३४. ५९५ प्रकाशितार्थक्रियोऽपि ३. ७१५. ३६४ प्रकृता(s)प्रतिपत्तिः स्यात् २. १९०. २४ प्रकृत्यन्तरमज्ञात्वा २. ८४६. १५६ प्रक्षालनादमेध्यस्य ३. ९९६. ३९७ प्रक्षालनाद्धि पङ्कस्य २.६४२ १२० प्रगे च तन्निराकारि ३. २७५. २३३ प्रज्ञादयो न धर्मादे' ३. ४७९. ३११ प्रज्ञा नाम झटित्येव ३. ११२८.४४१ प्रज्ञाप्रबोधस्तत्रैव २. ४९२. ८३ प्रज्ञामेधादिभेदोऽपि २ ४९४. ८३ प्रणिधानप्रधानस्य २, ७४५. १३७ प्रणीततास्य मोक्षस्य २. ७५५. १४१ प्रतिज्ञा क्रियते नैव ४. १०१. ४९१ प्रतिज्ञाऽपि तदा भासौ ४. ९९. ४९० प्रतिपक्षविनाभावो ४. १९७. ५३५ प्रतिपत्तशरीरान्त २. ६८७. १२७ प्रतिपत्ति न जानाति ४. १८. ४७१ प्रतिपत्रपेक्षः सकलो ३ ५९५. ३३५ प्रतिपन्नमनेनेति ४. १८. ४७१ प्रतिपन्नो यदि तदा ४. ५९१.६४१ प्रतिपादनशक्तेस्तु १. ४२४. ५.४ प्रतिपादयितुदोषो ४. २८. ४७३ प्रतिपादयिष्यते पश्चात् २. ३८३.५४ प्रतिपादितमेतत्प्राक ३.४ ३८३ प्रतिप्राणि विभिन्न स्यात् ३. ११४२. ४४५ प्रतिबद्धतया लिङ्ग ३. २६६. २२९ प्रतिबद्धविशेषस्य २. ३३६. ४५ प्रतिबद्धस्य साध्येऽर्थे ४. ७८. ४८६ प्रतिबद्धस्वभावस्य ४. २०४. ५३७ प्रतिबन्धग्रहः साम्य ३. २६६. २२९ प्रतिबन्धप्रसिद्धिश्च ३. १५. १७१ प्रतिबन्धप्रसिद्धेन ४. २०२, ५३६ प्रतिबन्धप्रसिद्धयर्थ ३. २६९. २३१ प्रतिबन्धमात्रं धूमस्तु ४. ५. ४६७ प्रतिबन्धविनाभूता ३. ९५१. ३८६ प्रतिबन्धस्य भावे हि ४. २०२. ५३६ प्रतिबन्धानुरूप्येण ४.५८८, ६४० प्रतिबन्धाप्रसिद्धौ हि ३. १५. १७१ प्रतिबन्धे च शब्दस्य २. ३४१. ४६ प्रतिबन्धे प्रमासिद्धे ४, ५७०. ६३४ प्रतिभासः परोऽभ्यक्ष ४. ५६४. ६३० प्रतिभासः समस्तोऽपि ३. १०१८. ४०२ प्रतिभास एवम्भूतो २. ४ ५ प्रतिभासभेदः सर्वत्र २. ६७६. १२६ प्रतिभासमात्रकेण तु ३. ८५. १७७ प्रतिभासमात्राल्लोकस्य ४. ५४९. ६२६ प्रतिभासश्च विज्ञाना ४. २७७. ५५६ प्रतिभासस्तथाभूतो २. २३०. ३३ प्रतिभासस्य तद्वत् ३. ४५०.३०७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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