Book Title: Pramanvartik Bhasyasya Karikardhapad Suchi
Author(s): Rupendrakumar Pagariya
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 49
________________ ४२ प्रमाणवार्तिकभाष्यस्य कारिकार्यपादसूची ४३७ नोदयास्तमयव्याप्ति ४. ६०१. ६४४ नोपकारक इत्येव २. ४२७. ६६ नोपदेशं विना सोऽपि ४. २१९. ५३९ नोपयोगी विकल्पस्य ३. २४१ २१८ नोपलक्ष्यं गुरुत्वं चेत् ४. २७८. ५५६ न्यायः पूर्वक एवात्र ३. १११५. न्यायेनानेन न यत्र ४. १८२. ५३१ पक्षदोषा मता नान्ये ४,२७०. ५५३ पक्षदोषो न युक्तोऽयं ४ २६८. ५५२ पक्षधर्मत्वमेवेदं ४ ८९.४८९ पक्षधर्मत्वसम्बन्ध ४.८७.४८७ पक्षधर्मो यतो हेतु ४. ३५२. ५८० पक्षपातकृतासक्ति २. ५७६. १०२ पक्षपातविनिर्मुक्तः ३. ८५८. ३७९ पक्षपातश्व चित्तस्य २. ७८५ १.४ पक्षसिद्धिस्तथैव स्या ३. ७८२ ३०३ पक्षाद्यनन्त र्गमनात् ३. ८६८. १८० पक्षे हेतौ सदृष्टान्ते ३. ८४४, ३७८ पक्षोपन्यासमात्रेण ४. २६८. ५५२ पञ्चम्यां तत्र दृष्टान्तो ४. २८७. ५६५ पञ्चम्यां तत्र दृष्टान्तो ४ ६१४ ६४७ पदार्थव्यतिरेकेण २. ६१२. ११४ पदार्थान्तरसा गत्यं ३. ३०६. २५४ पयोsविरोधी नहि सेतुबन्ध ४.५९२. ६४२ परं विना परापेक्षा ३. ४२१. २०४ परं रूपं परो वेत्ति २. ६८० १२६ परकीयस्य किं तत्त्वं ३. १११६. ४३परत्र तत्र वा धर्मि ४. २६५. ५४९ परत्वे चानुमानं यत. २. ४४१. ६९ परदुःखेन दुःखी २ ५९०. १०९ परन्तु बाधकाभाव २. ८. ५ परपर्यनुयोगोऽथ २. ७२२. १३२ परपूर्वार्थसद्भावे ४ १९५. ५३४ परप्रसिद्धिमाश्रित्य ३. ३५८. २८० परभावः प्रथमया २. ४६८ ६८ परभूतस्य वित्तिश्चेत् २. ५२३. ९१ Jain Education International परमाणवः स्वरूपेणा २. ३०२. ४१ परमाणुर्न सिद्धश्चेत् २. ३११. ४१ परमाणुशोऽपि मृत्पिण्ड ४. २५२. ५४८ परमाणुषु संयोगे २. ५३६. ९४ परमाणुस्वभावेन २. ५३३. ९२ परमाणूनभिप्रेत्या ३. ६०३. ३३९ परमार्थ एव सकलः ३. १९६. २०३ परमार्थत एकत्वं २. २३६. ३३ परमार्थप्रमेयत्वे ३. २२९. २१३ परमार्थमभिप्रेत्य ३. ३५७. २८० परमार्थविचारेषु ४ ३४९. ५७७ परमार्थसमानत्वे ३. २५४. २२० परमार्थस्तु विज्ञानं ३. ४६९. ३०८ पररूपं तु सुतरां ३. १०४१. ४०९ परलोकं विना न स्यात् २. ५०७ ८६ परलोकादिकेऽप्येव २. ७०३. १३१ परलोकादिकेऽप्येष २. ७०२. १३१ परलोकिनस्तु तद् दुःख २. ५०८. ८७ परलोकः परेणात्र २. ६८५. १२७ परशुच्छेद्यतां को वा २. ४४२. ६९ परसन्तान संवितौ ३ ५६९. ३२९ पर संवेदनेऽप्यर्थस् ३. ११०७. ४३२ परसाधारणास्तित्वे ३. १०११. ३९८ परस्था न भवत्वेव ३. ५७३. ३३० परस्परवियोगेन ३. ४३२. २९८ परस्परविरुद्धं च ३. ५३६. ३२८ परस्परविरुद्धं हि ३. ८५९. ३७९ परस्परविरुद्धत्व २. ११२. १४ परस्परविरुद्धार्था २ ४९. १० परस्परविरोधेन ४. १४६. ५१५ परस्परविरोधेन ४ २८५. ५६३ परस्पर विविक्ताणु ३. ५'८. ३३६ परस्परव्यापितायां ४. × ५१३ परस्परसहायत्वं ३. ७३०. ३६७ परस्परस्य भेदेन ३. १०७९. ४२५ परस्परस्याभावेऽपि ४. १२८. ५१३ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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