Book Title: Prakrit Vyakaranam
Author(s): Sanyamsagar
Publisher: Sanyamsagar
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________________ अंक--प्राकृत . संस्कृत गुजराती ७३०-अलाय . (अलात) न. उमाडियु . कुंभाणुं ६८३-अलिंजरअ (अलिअरक) पु. रंगवानु कुडु ११-अलि (अलि) पु. भमसे ६२१-अ लेअपोरुसालाव(अलोकपौरुषालाप) पु खोटो पुरुषपणानो आलाप ८६-अलिअ (अलीक) न जुठु. असत्य २३६-अलिअ (अलिक) न. कपाल ९२१-अले वरुअ (अलिविरुत) न. भमरानु रोj. भमरानो गुंजारव ५०९-अल्लोण (आलीन) वि बानु . छळ १०७-अवक्करस* (अपक्वरस पु मधु, दारु 753 अवंग* (अपाङ्ग) पु. कटाक्ष ५२०-अवचिअ (अर्वाचत) वि वृक्ष उपरथी एकठु करेलु ८४८-अवडु (अवटु) पुं हडीयो १६४-अवदाय (अवदात) . वि. धाळु 84- अवयंस (अवतस) पु काननु घरेणुं १५१-अवयासिअ (श्लिष्ट) वि. अलिं गत वळगेलु ४४१-अवरत्तय* (अपरक्तक) न. पश्चात्ताप 45 :-अवरिल्ल (अपरीय) न. उत्तरोय वस्त्र. खेस ४६२-अवरुडण* ( ). न. परिरभण, आलिंगन ९०-अवलेअ (अवलेप) पु. अहकार११३- अवसर (अवसर) पु. काळ वखत १३८-अवहत्थिअ (अपहस्तित) वि तजेल-छोडी दीघेल १६८-अवहिअ (अवहित) वि सावधान 701- अवाण (अपान) न. गुदा ९.९१-अवि . (अपि) अ विलापसूचक १५३-अविरय (अविरत) न. नित्य, हमेशां [53]
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