Book Title: Prakrit Vyakaranam
Author(s): Sanyamsagar
Publisher: Sanyamsagar

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Page 254
________________ अंक-प्राकृत संस्कृत __ गुजराती ३६४-वेलु . (वेणु) पुं. वांमडो ८०८-वेविअ... (वेषित) _ वि. कपेलु २८-वेसमण विश्रमण) पु. कुबेर ४७६-वेसाह (वैशाख) पु. रवायो ७५१-वेस (वेष) पु. पोशाक 34. वोम : (व्योमन्) न. आकाश १४१-वोलिअ . (गत) वि. गएल १४१-वोलीण (अतिकान्त) वि. गएल ५५९-वोसट्ट* (विकसित) वि. विकसेलु २५३-सइ (सदा) अ. हमेशा १६०-सइदंसण* (स्मृतिदर्शन) .न. विचार पूर्वक जोएल १३-सइरा (स्वंग) . स्त्री. स्वतंत्र स्त्री .. १५-सइर (स्वर) . वि. अलस ... १६०-मइलं* (स्मृतिलम्भ) पु. स्मरण पूर्वक लाभ १९१-सइव - (मचिव) पु. काररी १६०-सासह* . . (स्मृतिसुख) न. स्मृतिसुख १८१-सई (शच) . बी. इंद्राणी .६१-सउण (शकुन) पु. पक्षी २८६-सउणि (शकुन) ___पुं. एक जातनु पक्षी ६१-सख्त (शकुन्त) पु. पक्षी २१-सउरि (शौरि) पु. विष्णु ६०-सउल (शकुल) पु. माछलु 435 संरंभ . (संरम्भ) पु. क्रोध .५१४.-संवेल्लिअ (संवेष्टित) वि. संवेष्टित [149]

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