Book Title: Prakrit Vyakaranam
Author(s): Sanyamsagar
Publisher: Sanyamsagar

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Page 252
________________ अंक-प्राकृत संस्कृत गुजराती ८१०-विसट्ट*. (दलित). वि. विघटित ६१५-विसढ (विषम) वि. विषम ९३२-विसंठुल (विसंस्थुल) वि. विहल ६३२-विस (विष) न. झेर ६१५-विसम (विषम) वि. विषम ९५१-विसय (विशद) बि. धोलु, चोक्खु ६३३-विसाण (विपाण) न. शिंगडु १५७-विसाल (विशाल) वि. विशाळ २३-विशाह (विशाख) पुं. गणेश ५१-विसिंह (विशिख) पु. वाण ७३१-विसेसिअ (विशेषित) वि. विशेषवाळु २२३-विस्सुअ (विश्रुत) वि. प्रसिद्ध ६१-विहंग (विहंग) पु. पक्षी ८१०-विहडिअ (विर्धाटत) वि. विघटित ८६-विहल (विफल) वि. व्यथ १०३-विहव . (विभव) . पु. पैसो १७५-वि(वि)हस्सइ (ब्रहस्पति) पु. गुरु ७४-विहावरी (विभावरी) स्त्री. रात्री :६-विहावसु (विभावसु) * पु. आगे ६६८-विहाविअ (विभावित) वि. विभावित १३३-विहिअ (विहित) वि. करेल २-विहि. (विधि) पु. ब्रह्मा / ८१९-विहि (विधि) पु. विधि ५७०-विहीरिअ . (प्रतीक्षित) वि. वाट जोएल ९३१-विहुल विधुर) वि विधुर ५-विहु . . (विधु) पु. चंद्र [147]

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