Book Title: Prakrit Vyakaranam
Author(s): Sanyamsagar
Publisher: Sanyamsagar

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Page 250
________________ Flashlili अंक-प्राकृत संस्कृत गुजराती ५४१-विणासिअय(विनाशितक) वि. विनाश पामेलु १४४-विणिद (विनिद्र) वि. खोलेलु १३३-विणिम्मिअ (विनिर्मित) वि. करेलु ७८-बित्त (वित्त) न. धन १५७-विस्थय / (विस्तृत) वि. विस्तरेल २२३-वित्थर (विस्तर) . विस्तार १५७-विस्थिश्र (विस्तीर्ण) वि. विस्तरेल २१४-वि(वि)दु (बिन्दु) पु. बिंदु 42 विन्नाण* (विज्ञान) न. विज्ञान १६२-विण्णाय (विज्ञात) वि. जाणेलु २५४-विश्वास (विन्यास) पु. स्थापन ४५०-विष्पिय (विमिय) न.. अपराध १९६-विप्प . (विप्र) पु. ब्राह्मणं २४-विवृह (विबुध) पु. देव . ११९-विब्बोअ (विब्वोक) पु. विलास ११९-विभम (बिभ्रम) पु. विलास ५६१-विमग्गिअय(विमार्गितक) वि. गोतेल ५५६-विमुक्क (विमुक्त) वि. विभुक्त : ८२८-पियट्ट (विसंवदित) - वि. विसंवदित १५७-वियड (विकट) वि. विकट ४३४-विअणा (वेदना) स्त्री. पीडा ८३३-विअथण (विकथन) न. - स्वप्रशंसा ६१६-विअलिअ (विगलित) वि. छोडेल २४४-विअसिल (विकसित) वि. विकसेल ६६२-विआणवितान) न. चंदरवो * १३३-विरइअ (विरचित) विः करेल

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