Book Title: Prakrit Vyakaranam
Author(s): Sanyamsagar
Publisher: Sanyamsagar
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________________ अंक-प्राकृत संस्कृत गुजराती २२२-परछंद (परच्छन्द) वि. पराधीन ७२७-परतीर (परतीर) न. सामो कांठो ५४९-परद्ध* (अपराद्ध) वि. अपराधी ९०८-परमत्थ (परमार्थ) न. साचु १९-परमपय (परमपद) न. मोक्ष २-परमिट्ठो (परमेष्ठिन्) पु. ब्रह्मा ४६५-परंपरा (परम्परा) स्त्री. परंपरा २२२-परयत्त (परायत्त) वि. पराधीन ६३-परहुआ - (परभूता) स्त्री. कोयल ३३७-पराअ - (पराग) पु. पराग १५०-परामुसिअ (परामृष्ट) वि. आश्लिष्ट ५५३-पराहूअ (पराभूत) वि. हारेल / ५८३-परिक्खित्त . (परिक्षिप्त) वि. परिक्षिप्त 362 -परेणय (परिगत) वि. परिपक्व ६८५-परिणीआ (परिणीता) स्त्री परणेली स्त्री ४६१-परिणाह . (परिणाह). पु. विस्तार ५५४-परिदेविअ (परिदेवित) वि. विलपित 952 परिप्पवंत (परिप्लवित) वि. तरतु ६७१-परिपासअ* (परिपार्श्वक) पु. रात्रो खेतरमा सुवा जनार वाहु जनार १४८-परिमंडल (परिमण्डल) न. गोळाकार . ३७९-परिमल (परिमल) पु. परिमल, सुगंध ९३६-परियत्तिअ . (परिवर्तित) वि. गोठ फेरवेल ५८४-परियालिअ (परिचालित) वि. वींटेलु ४६२-परे रंभण (परिरम्भण) न. आलिंगन 586 -परिळीण (परिलीन) वि. निलीन
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