Book Title: Prakrit Vyakaranam
Author(s): Sanyamsagar
Publisher: Sanyamsagar
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________________ अंक-प्राकृते संस्कृत गुजराती २१-महुमह. (मधुमथ). पुं. विष्णु ११-महुअर (मधुकर) पु. भमरो १५५-महुर (मधुर). वि. सुंदर १०७-महुवार (मधुवार). पु. दारु ४१४-महु (मधु) पु. वसंत ऋतु 867 माउच्छा (मातृप्वसा) स्त्री. मासी २२१-माउआ (मातृका) स्त्री. सखी ८६७-माउसिआ (मातृप्वसा) स्त्री. मासी ४४-मामह (मागध) पु. चारण २७४-माही (माठी) स्त्री. बख्तर १००-माणव (मानव). पु. मनुष्य ७९८-माणस (मानस) न. चित्त ६४५-माणिअ* (मानित) वि. अनुभूत ८७०-मामी* (मामी) स्त्री. मामी २०९-मायंग (मातङ्ग) पु. चंडाल . ९-मायंग . (मातङ्ग) पु. हाथी ७४२-मावण्हिआ (मृगतृष्णा) स्त्री झांझवा ३६९-मावंद- (माकन्द) पु. आंबो ४१६-मावा. (माया) स्त्री कपट ८६४-मावा (मातृ-माता) स्त्री. माता, मा .२९-मारुअ (मास्त) पु. पवन ९८८-मालाई (मालती) स्त्री. मालती १०६-माला (माला) स्त्रो लाइन, हार ३०५-माला (माला) स्त्री. माळा ५६१-मालिअय (मालितक; वि. मालि ३८३-मालूर*. - (मालूर) न. बिलु [13]
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