Book Title: Prakrit Vyakaranam
Author(s): Sanyamsagar
Publisher: Sanyamsagar
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________________ अं-प्राकृते सस्कृत गुजराती १०६-पंति (पङ्क्ति ) स्त्री. हार, श्रणी ८३-पंथ (पन्थ) पु. मार्ग, रस्तो / ३०-पन्नयरिउ (पन्नगरिषु) पु. गरुड ३१-पन्नय . (पन्नग) . पु. सप ५०२-पन्नाडिअ (मर्दित) वि. कचरेल ८०९-पप्फोडिअ (प्रस्फोटित) वि. प्रस्फोटित ९४५-पमह (प्रथम) पु. महादेवना सेवक ४३८-पमुह (प्रमुख) * वि. आयळ रहेनार ८२४-पम्हलय (पक्ष्यल) . न. पापणवाळु ८४९-पम्ह (पक्ष्मत). न. पापण ५०५-पम्हुट्ट (प्रमृष्ट) - वि. वधारे साफ करेल ४-पयंग (पतङ्ग) पु. सूर्य ७४५-पयंग (पतङ्ग) पु. पतंगिउ ७८५-पयट्य (प्रवृत्तक) वि. चलित २२३-पयड (प्रकट) वि. प्रकट, स्पष्ट ४१०-पयत्थ (पदार्थ) पु. वस्तु, तत्त्व ३५-पय (पयस) न. पाणी २८०-पय (पयस्) न. दूध १८-पयर (प्रकर) पु. पगर, समूह, टोळु ५९६-पयलाइ (प्रचलायते) क्रि. उंघे छे ८३-पयवी (पदवी) स्त्री. पदवी ५३३-पयल्ल (प्रसृत) वि प्रसरेल ६९६-पयाम* (प्रयाम) न. क्रमवार ५३७-पयारिअ (प्रतारित) वि. ठगाएल २-पयावइ (प्रजापति) पु. ब्रह्मा / ७५-पयास (प्रकाश) पु. प्रकाश hlutiillunhiitilmiili [112]
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