Book Title: Prakrit Vyakaranam
Author(s): Sanyamsagar
Publisher: Sanyamsagar
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________________ अंक-प्राकृत सस्कृत गुजराती २३३-नयण (नयन) न. आंग्व 189- नरनाह (नरनाथ) पु. राजा १००-नर (नर) पु. पुरुष, मनुष्य ३८५-नलय* (नलक) न. कमळनो तंतु १०-नलिण (नलिन) न. कमळ ३८७-नलिणी (नलिनी) स्त्री.. कमलिनी ९१५-नवरंग (नवरङ्ग) वि. रंगेलु १७-नवरि* ( ) अ. सहसा ४२४-नवसिअ* (नमस्यित) वि. नमेलु ३४-नह (नभस) न. आकाश २२४-नह (नग्व) पु. नग्व १६९-नाअ (नाक) पु. स्वर्ग ४३३-नाम (नामन्) न. नाम १२-नारी (नारी) स्त्री. स्त्री ३१६-नारुट्ट* ( . ) पु. खाडा जेवु स्थान ९८२-नालिआ (नाडिका) स्त्री. घन्ही ४५६-नास (नाश) पु. नाश २३४-नासा (नासा) स्त्री. * नाक ५३४-निउंचिअ (निकुञ्चित) वि. संकडाएलु ९९-निउण (निपुण) वि. चतुर, हुशियार १८-निउरंब (निकुरम्ब) पु. समूह १२५-निकिव (निष्कृप) वि. निर्दय ७९०-निक्खय* (निक्षत) वि. हणेलु ५६३-निक्खित्त (निक्षिप्त) वि. स्थापेलु ५७९-निग्गयामोअ(निर्गतामोद)वि. बहेकेलु ५७६-निग्गिण्ण* (निर्गीण) वि. निर्गीण tikilitliute lateliti
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