Book Title: Prakrit Vidya 01
Author(s): Rajaram Jain, Sudip Jain
Publisher: Kundkund Bharti Trust

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Page 113
________________ शाकाहार हर वर्ष 10 लाख से भी अधिक अमेरिकन वेजिटेरियन बन रहे हैं। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा किये गये अध्ययन से यह बात सामने आई है कि इस मिलेनियम के अंत तक लगता है पूरी दुनिया वेजिटेरियन हो जायेगी। दरअसल, शाकाहारी लोगों की संख्या दुनियाभर में तेजी से बढ़ रही है और आज की तारीख में स्लोगन यह बन गया है— 'ग्रीन इज इन'। सच तो यह है कि कई बड़ी हस्तियाँ वेजिटेरियनिज्म को प्रोत्साहन देने के लिये काम भी कर रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि लाइफस्टाइल में आ रहे परिवर्तन के कारण होनेवाली बीमारियों की आशंका को वेजिटेरियन डाइट काफी कम कर देती है। 'एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट' के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर मोहित का कहना है कि ऑब्सिटी. हाइपरटेंशन और डायबिटीज जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों को शाकाहार काफी राहत देता है। ___बहरहाल, ऐसे लोगों की भी संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. जो दूध का इस्तेमाल करना ही नहीं चाहते। उनका कहना है कि जिस तरह हम कुतियों और बंदरियों का दूध नहीं पीते, उसी तरह हमें उन जानवरों का भी दूध नहीं पीना चाहिये, जिनके बच्चे 200 किलो से ज्यादा के हो जाते हैं। ___कहीं दूसरी ओर, न्यूट्रिशनिस्ट्स का कहना है कि दूध के बिना रहा जा सकता है. यदि आपकी डाइट में पर्याप्त मात्रा में विटामिन ए, बी. कैल्शियम तथा प्रोटीन हो। अदिति गोवित्रिकर के शब्दों में, “कोई भी बिना दूध के अच्छी तरह रह सकता है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि मैं कभी इसे अपनी डाइट से हटा सकूँगी।" 'इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल' की न्यूट्रिशनिस्ट सुपर्णा जयरथ का कहना है कि अगर कोई दूध के बिना ही डाइट लेने का फैसला कर लेता है, तो उसे यह सब किसी न्यूट्रिशनिस्ट की देखरेख में ही करना चाहिये; क्योंकि इसके पहले काफी रिसर्च करनी होती है। - (साभार उद्धृत, नवभारत टाइम्स, 10 जुलाई, दिल्ली परिशिष्ट) ** प्राकृतविद्या जनवरी-जून'2001 (संयुक्तांक) + महावीर-चन्दना-विशेषांक 00 111 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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