Book Title: Prakrit Vidya 01
Author(s): Rajaram Jain, Sudip Jain
Publisher: Kundkund Bharti Trust

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Page 138
________________ पाण्डुलिपि-संरक्षण-केन्द्र का शुभारम्भ राजस्थान में स्थापित पहले पाण्डुलिपि संरक्षण केन्द्र का शुभारम्भ दिगम्बर जैन नसियां भटारकजी, जयपुर में राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर के कुलपति पद्मश्री डॉ० मण्डन मिश्र के कर-कमलों से 20 मई को सम्पन्न हुआ। । । पांडुलिपि-संरक्षण केन्द्र का दीप प्रज्वलन करके उद्घाटन करते हुए पद्मश्री डॉ० मण्डन मिथ्र जी. साथ में हैं डॉ० कलानाथ शास्त्री एवं संस्था के अध्यक्ष श्री नरेश कुमार सेठी। 'महावीर दिगम्बर जैन पाण्डुलिपि संरक्षण केन्द्र' को 'दिगम्बर जैन अतिशयक्षेत्र श्रीमहावीरजी' एवं 'इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एण्ड कल्चरल हैरिटेज, लखनऊ' के संयुक्त तत्त्वावधान में जयपुर में प्रारम्भ किया गया है। इस केन्द्र में पुरातन, दुर्लभ हस्तलिखित पाण्डुलिपियों का संरक्षण किया जायेगा। संरक्षण में इन्टेक द्वारा विकसित की गयी समस्त आधुनिक तकनीक प्रयोग में ली जायेगी। इस केन्द्र के माध्यम से ग्रंथ-भण्डारों एवं मंदिरों में उपलब्ध दुर्लभ पाण्डुलिपियों के संरक्षण की व्यवस्था की जा रही है। पाण्डुलिपियों के संरक्षण से जुड़े लोगों को इस केन्द्र के द्वारा प्रशिक्षित भी किया जायेगा। ___ समारोह के मुख्य अतिथि डॉ० मण्डन मिश्र जी ने पाण्डुलिपियों के संरक्षण की दृष्टि से प्रारम्भ किये गये। इस केन्द्र का अधिक से अधिक लाभ उठाये जाने का आह्वान किया। इन्टेक के डायरेक्टर जनरल डॉ० ओ०पी० अग्रवाल ने इस केन्द्र को इन्टेक की ओर से न 00 136 प्राकतविद्या-जनवरी-जन'2001 (संयक्तांक) +महावीर-चन्दना-विशेषांक Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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