Book Title: Prakrit Vidya 01
Author(s): Rajaram Jain, Sudip Jain
Publisher: Kundkund Bharti Trust

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Page 146
________________ इस अंक में प्रकाशित वइसालीए कुमार-वड्ढमाणो' शीर्षक का प्राकृत आलेख आपकी लेखनी से प्रसूत हैं। स्थायी पता----पिऊकुंज, अरविन्द नगर, ग्लास फैक्ट्री चौराहा, उदयपुर-313001 (राज०) 9. डॉ० (श्रीमती) माया जैन—आप जैनदर्शन, की अच्छी विदुषी हैं। इस अंक में प्रकाशित 'त्रिशलाकुर की तत्त्वदृष्टि' शीर्षक आलेख आपकी लेखनी से प्रसूत है। स्थायी पता—पिऊकुंज, अरविन्द नगर, ग्लास फैक्ट्री चौराहा, उदयपुर-313001 (राज०) 10. डॉ० सुदीप जैन- श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रिय संस्कृत विद्यापीठ, नई दिल्ली में जैनदर्शन विभाग में वरिष्ठ प्राध्यापक एवं प्राकृतभाषा पाठ्यक्रम के संयोजक । अनेकों पुस्तकों के लेखक, सम्पादक । प्रस्तुत पत्रिका के 'मानद सम्पादक' । इस अंक में प्रकाशित सम्पादकीय', के अतिरिक्त वैशाली और राजगह' _ 'महावीर-देशना के अनुपम रत्न : अनेकान्त एवं स्याद्वाद' तथा 'भगवान् महावीर और अहिंसा-दर्शन' नामक आलेख आपके द्वारा लिखित हैं। स्थायी पता-.-बी-32, छत्तरपुर एक्सटेंशन, नंदा फार्म के पीछे, नई दिल्ली-110030 11. डॉ० (श्रीमती) नीलम जैन—आप हिन्दी एवं जैनदर्शन की विदुषी हैं। इस अंक में प्रकाशित 'महावीर के संघ की गणिनी युगप्रवर्तिका चन्दनबाला' आलेख आपके द्वारा रचित है। __12. डॉ० वीरसागर जैन आप हिन्दी भाषा-साहित्य एवं जैनदर्शन के विख्यात् विद्वान् हैं। सम्प्रति आप श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रिय संस्कृत विद्यापीठ, नई दिल्ली में जैनदर्शन विभाग के अध्यक्ष हैं। इस अंक में प्रकाशित 'महावीराष्ट स्तोत्र' का हिन्दी अनुवाद आपके द्वारा रचित है। पत्राचार पता-- श्री कुन्दकुन्द भारती. नई दिल्ली-110067 13. श्रीमती प्रभा किरण जैन---आप हिंदी-बाल-साहित्य की अच्छी कवियत्री हैं। इस अंक में प्रकाशित थी शक्ति कैसी प्रभु-भक्ति में' शीर्षक कविता आपके द्वारा लिखित है। स्थायी पता- 2, पन्ना भवन, अंसारी रोड. दरियागंज. नई दिल्ली-110002 14. श्रीमती रंजना जैन -हिन्दी साहित्य की विदुषी लेखिका हैं। इस अंक में प्रकाशित आलेख 'वैशालिक महावीर' और 'भगवान् महावीर के अनेकान्त का सामाजिक पक्ष' आपके द्वारा लिखित है। स्थायी पता_बी-32, छत्तरपुर एक्सटेंशन, नंदा फार्म के पीछे, नई दिल्ली-110030 15. प्रभात कुमार दास आप प्राकृतभाषा एवं साहित्य के शोधछात्र हैं। इस अंक में प्रकाशित आलेख लोकतांत्रिक दृष्टि और भगवान् महावीर' लेख आपके द्वारा लिखित है। पत्राचार पता—शोधछात्र प्राकृतभाषा विभाग, श्री ला०ब०शा०रा०सं० विद्यापीठ, नई दिल्ली-16 16. ममता जैन-आप एम०ए० की शोधछात्रा हैं। इस अंक में प्रकाशित आलेख 'नारी सम्मान की प्रतीक चन्दना' आपके द्वारा लिखित है। स्थायी पता--68, मिशन कम्पाउण्ड. सहारनपुर-247001 (उ०प्र०) 17. श्रीमती नीतू जैन--आप डॉ० वीरसागर जैन की सहधर्मिणी हैं। जैन-साहित्य की अच्छी स्वाध्यायी गहिणी हैं। इस अंक में प्रकाशित आलेख महासती चन्दना' आपके द्वारा लिखित है। Jain Ea 144at प्राकृतविद्या जनवरी-जून'2001 (संयुक्तांक) + महावीर-चन्दना-विशेषांक .

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