Book Title: Prakrit Bhasha ka Tulnatmak Vyakaran
Author(s): K R Chandra
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad
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१०५
अव्यय, परसर्ग एवं देश्य शब्द संस्कृत प्राकृत
अपभ्रंश
तदा
तया, तइया, ताहे
तद्वा
तामइ, तावइ, ता, तो, तइयहं, तइयहिँ, ताइय, ताइयहँ, ताइयहु, तहिँ, तर्हि तव्वे, तब्बे ताउ, ताउं, ताम, तामु, ताव, तावइ, तावइँ, तामहि, ताउँ, तउ, ताब तेत्तडउ, तित्तिडउ
तावत्,
ताव, ता
तावन्मात्रम्
उ
त्वरम्
तरु
थु (तिरस्कार सूचक) थू (निंदासूचक) थू थू (घृणासूचक)
दिवा
दिवे, दिवे
दुछु
दुडु
दउत्ति, दडवड
द्राक् धिक् धिगस्तु
डवत्ति, ढावु छी-छी, धिसि
धिरत्थु
ध्रुवम्
ध्रुवु, ध्रउ
ण
न-इह
णेह
ननु
णणु, णं नवरं, णवरं, णवरि
न-परम्
णवर, णवरु
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