Book Title: Prakrit Bhasha ka Tulnatmak Vyakaran
Author(s): K R Chandra
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad
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१०९
अव्यय, परसर्ग एवं देश्य शब्द संस्कृत
प्राकृत
अपभ्रंश
सार्धम्
सद्धि
स्फुटम्
फुडु
स्यात्
सई, सइँ, सइ, सए
स्वयम् स्वस्ति
फुडं सिया सयं सोत्थि हंजे हंदि हंत, हंता, हंद
हम् हम्भो
हं हो, अम्हो ह, हा,
हउँ
हा- धिक्
हद्धि
ही ही हीमाणहे
हुम् ह्यस्
हिज्जो, हिज्जा, हिओ
(vii)
पाद-पूर्ति-अर्थक शब्द :पालि-अस्सु, खो, चे, पन, यग्घे, सु, सुदं, ह प्राकृत-अह, इ, खाई, घई, जे, णं, र, ह
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