Book Title: Prakrit Bharti
Author(s): Prem Suman Jain
Publisher: Agam Ahimsa Samta Evam Prakrit Samsthan

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Page 5
________________ प्रस्तुत ग्रन्थ-प्रकाशन के अर्थ सहयोगी प्रस्तुत ग्रन्थ के प्रकाशन में श्रीमान् सोहनलाल जी सा० सिपानी बैंगलोर ने दस हजार रुपये का अर्थ सहयोग प्रदान किया है। सेठ श्री सोहनलाल जी सिपानी, स्व० सेठ श्री भेरूदान जी सिपानी के ज्येष्ठ पूत्र है। आपका जन्म वि० स० १९८५ में उदयरामसर में हुआ। धार्मिक संस्कारों से ओतप्रोत श्रीमती जेठादेवी आपकी धर्मपत्नी हैं। आपके चार पुत्र एवं एक पुत्री हैं। __ श्रीयुत् सिपानी जी को व्यवसायिक कुशलता और धार्मिक संस्कार अपने पूर्वजों से प्राप्त हुए हैं। बैंगलोर के औद्योगिक जगत में आपके "सिपानी ग्रुप ऑफ इण्डस्ट्रीज" का विशेष नाम है। जिसके अन्तर्गत एक कागज बनाने का कारखाना, तीन H. P. D. यूनिट, एक प्लास्टिक बोतल बनाने का कारखाना एवं एक लकड़ी का कारखाना चल रहे हैं। ___ व्यवसाय के साथ-साथ धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों में भी आप पूर्णरूप से समर्पित हैं । आपने अभी बैंगलोर में एक विशाल "सिपानी समता भवन" का निर्माण कराया है। उदार हृदयी श्री सिपानी सा० अभावग्रस्त बच्चों की पढ़ाई एवं छात्रवृत्ति प्रदान करने में भी तत्पर रहते हैं । आप निम्न धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं से जुड़े हुए हैं। (१) अध्यक्ष, श्री साधुमार्गी जैन संघ-बैंगलोर (२) अध्यक्ष, श्री एस० एस० जैन श्रावक संघ-बैंगलोर (३) उपाध्यक्ष, आगम अहिंसा-समता एवं प्राकृत संस्थान, उदयपुर (४) पूर्व उपाध्यक्ष, श्री अ० भा० साधुमार्गी जैनसंघ -बीकानेर आगम संस्थान के विकास में आपकी विशेष रूचि है। संस्थान के प्रकाशन हेतु उनका यह उदार-सहयोग उनके जैन-विद्या के प्रति प्रेम का ही परिचायक है। Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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