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स्थान
संख्या
१
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३.
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६
6
२/
१०
१
१२
३
( १३८ )
॥ उर्ध्वलोकमा जिनवन बिंबसंख्या ॥
स्थाननां नांम
सौधर्मदेवलोके ॥ ईशानदेवलोके ॥ सनत्कुमारमां ॥ माहें देवलोके ॥
ब्रह्मदेवलोके ॥ लांतकदेवलोके ॥ महाशुकदेवलोके ॥ सहस्रारदेवलोके ॥ यादवलोके ॥ प्राणतदेवलोके ॥ देवलोके ॥ अच्युतदेवलोके ॥ प्रथमत्री के बीजेत्री के त्रीनेत्री के अनुत्तरपांचे
नवग्रैवेयकना
॥
भुवन संख्या जिनबिंब संख्या
३२ लाख
२० लाख
१२ लाख
८ लाख
४ लाख
५००००
Yoooo
६०००
२००
२००
१५०
१५०
१११
१०७
१००
ա
कुल ८४१०२३
५७६००००००
२०४००००००
२१६००००००
१४४००००००
१२००००००
००००००
२०००००
१०८००००
३६०००
३६०००
२५०००
१७०००
१३३२०
१२८४०
१२०००
६००
कुल
१५२९४४४७६०
प्रथमदेवले की १२ मा सुधी प्रत्येक चैत्ये १०० प्रतीमा बे ॥ पांच सजानी ६० प्रतीमात्र बारणाना चोमुखनी १२ प्रती मा। मध्य वैश्यनी १०८ प्रतीमा । सर्व मली १८० जाणवी ॥ मै बेक अनुत्तरे १२० कल्पातीत बे, माटे सन्ना नथी. ॥