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सकडालपुत्र श्रावक
उस काल में और उस समय में गोशालामत: नियति
कुम्भकार : सकलाडपुत्र देवसूचन: प्रभु का पदार्पण प्रभु का प्रश्न और प्रतिबोध भक्तों के भगवान
मिलावटवाला जमाना
प्रभु का गुणगान और प्रश्न दैवी उपसर्ग धर्मपत्नी की गुणसमृद्धि
- प्रभुवीर के दश श्रावक