Book Title: Pooja Sangraha Author(s): Manikyasinhsuri Publisher: Hiralal Bhagubhai Shah View full book textPage 8
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir परमपूज्य वाचनाचार्य श्रीमद्विजयमाणिक्यसिंहसूरीश्वरजी महाराजश्रीना भव्य जीवननी ढूंकी रूपरेखा श्रीमद्नो जन्म श्री अणहिलपुर पाटणमां राजकावाडे लखियारवाडामां विक्रम संवत १९२४ ना श्रावण मुद त्रीजना रोज थयो हतो. तेमना पिताश्रीतुं नाम श्री मुळचंदभाइ अने मातुश्रीतुं नाम श्री लक्ष्मीबाइ हतुं. धार्मिकवृत्तिनां ए दंपतीने एक दीकरी नामे परसन अने एक सुपुत्र नामे वाडीलाल एम बेज बाळको हतां. ए वाडीलाल तेज आ चरित्रना नायक. ___ छ मासनीज कुमळी वयमां पिताविहोणा थतां श्री वाडीलाल मातानी लाडीली छत्रछाया नीचे उछरवा लाग्या. परिणामे तेमनामां रमतियाळपणुं अने निरंकुश रीते वर्तवानी टेव आवी. निशाळ्ना भणतरमा ए झाझु भण्या नहि. गुजराती बेज चोपडी भणी निशाळथी उठी गया छतां तेमनी विचक्षण बुद्धि अने कुदरती रीते तेमनामां रहेढं वाक्चातुर्य, कवित्वशक्ति, ज्ञाननी जिज्ञासा, साहसिकवृत्ति अने तीव्र स्मरणशक्तिने लीधे तेओ महापुरुष बनी शक्या. कवि जन्मेज छे, बनी शकता नथी ए वात तेमणे खरी पाडी. फक्त दशज वर्षनी उमरे तो ए स्वाभाविक रीते कविताओ रचवा लाग्या हता. एकज वखत वांचेलो या सांभळेलो श्लोक ते कंठस्थ करी लइ फरी बोली जता For Private And Personal Use OnlyPage Navigation
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